नई दिल्ली: जिस दिन पूरा देश ईद की खुशियाँ मना था उस दिन जम्मू कश्मीर के सलानी गाँव तहसील मेंढर में देश के लिये शहीद हुए औरंगज़ेब का शव पहुँचा जिससे पूरे गाँव मे मातम मच गया है।
औरंगज़ेब के अंतिम दर्शन के लिए बहुत बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। केवल इतना ही नहीं पार्थिव शरीर के इंतजार में दिनभर खड़े भी रहे लेकिन खराब मौसम के कारण उनका शव 1 बजे के बाद लाया गया। बता दें कि औरंगजेब का अपहरण करने के बाद आतंकियों ने 14 जून गुरुवार को पुलवामा के गूसू में उनकी हत्या कर दी थी। उनके सिर और गर्दन पर गोलियां मारी गई थीं।
#WATCH: Huge crowd gathers as mortal remains of Rifleman Aurangzeb are brought to his native village in Poonch. He was abducted by terrorists and his body was found in Pulwama's Gusoo, on 14 June. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/wMh0ZeSOCf
— ANI (@ANI) June 16, 2018
जवान के पिता मोहम्मद हनीफ ने अपने शहीद राइफलमैन बेटे औरंगजेब की हत्या के पीछे पाकिस्तान को कसूरवार ठहराया। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लिए औरंगजेब जैसे 10 बेटे भी कुर्बान हैं। उन्होंने कहा, मेरे बेटे ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की। उसने अपना वादा निभाया। उसने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और फिर मेरे पास वापस आया है। मैं केंद्र और राज्य सरकारों से अनुरोध करता हूं कि वह आतंकवाद का सफाया कर दें।
https://twitter.com/IronyOfIndia_/status/1008024340086968320?s=19
हनीफ ने कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को कसूरवार ठहराते हुए आतंकियों को पनाह देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए पाकिस्तान भारत से कश्मीर कभी नहीं छीन सकता है। कश्मीर भारत का अटूट अंग है और इसे कोई अलग नहीं कर सकता है। हनीफ ने केंद्र और कश्मीर के नेताओं से कश्मीर को आतंकवाद से निजात दिलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हिंसा की इस आग में हर रोज न जाने कितने मासूम झुलसते हैं।
शहीद जवान 4 जम्मू और कश्मीर की लाइट इंनफेंट्री से ताल्लुक रखते थे और उनकी पोस्टिंग 44 राष्ट्रीय राइफल्स कैंप के शादीमार्ग के शोपियां में थीं। वह मेजर रोहित शुक्ला की टीम का हिस्सा थे जिन्होंने हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी समीर टाइगर को मार गिराया था