नई दिल्ली: अमेरिका की एक तरफा कार्यवाही के बाद तुर्की पर आर्थिक संकट के बादल मंडराने लगे हैं,तुर्की की करेंसी लड़खड़ा गई है जिसके कारण महँगाई बढ़ना कुदरती बात है,इस मुश्किल घड़ी के तुर्की को उसके मित्र राष्ट्र क़तर का साथ मिला है।
क़तर ने तुर्की के आर्थिक संकट को टालने के लिये 15 अरब डॉलर का निवेश किया है जिससे तुर्की के मुद्रा में सुधार आने की उम्मीद लगाई जारही है,क़तर के बादशाह तमीम बिन हमद अल थानी ने तुर्की राष्ट्रपति से बातचीत के बाद इस का ऐलान किया।
Qatar has pledged $15 billion of direct investments in Turkey.
Turkish-Qatari relations are based on solid foundations of true frienship and solidarity.— İbrahim Kalın (@ikalin1) August 15, 2018
राष्ट्रपति एर्दोगान अमेरिका के फैसले के बाद कहा था कि उनके पास अगर डॉलर है तो कोई बात नही हमारे पास अल्लाह है,तुर्की ने अमरीकी पादरी एंड्र्यू ब्रनसन को अक्टूबर 2016 में गिरफ़्तार किया था तो उसे शायद ही पता रहा होगा कि इसका असर दो साल बाद ऐसा होगा कि मुल्क की अर्थव्यवस्था हिल जाएगी।
Qatar to make direct investment of $15B in Turkey https://t.co/EA0eHsJJlg pic.twitter.com/Asjc89YTNt
— ANADOLU AGENCY (@anadoluagency) August 15, 2018
एंड्र्यू को रिहा नहीं करने पर अमरीका ने आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी और उसने ऐसा कर दिखाया. ट्रंप ने तुर्की के इस्पात और एल्यूमीनियम पर भी आयात शुल्क को बढ़ाकर दोगुना कर दिया।
तुर्की की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट जारी है. उसकी मुद्रा लीरा इस साल अब तक डॉलर की तुलना में 40 फ़ीसदी गिर चुका है।
Qatar pledges $15bn investment in Turkey https://t.co/DhTFFGom1p pic.twitter.com/WsQIBrM3yr
— Al Jazeera English (@AJEnglish) August 15, 2018
डॉलर के मुक़ाबले लीरा में पिछले हफ़्तेभर में 16 फ़ीसदी की गिरावट आई है. लीरा का गिरना कब बंद होगा कुछ कहा नहीं जा सकता है।
आख़िर तुर्की के ख़िलाफ़ अमरीका ने क्यों ऐसा फ़ैसला लिया है? इसकी वजह अलग-अलग बताई जा रही हैं, लेकिन उनमें से एक ख़ास वजह एक अमरीकी पादरी है।
तुर्की के उच्च अधिकारियों का कहना है कि कतर ने तुर्की के लिए 15 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष निवेश किया है क्योंकि यह मुद्रा संकट से जूझ रहा है।
राष्ट्रपति रजब तय्यब एर्दोगान के कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि शेख तामीम बिन हमद अल थानी ने निवेश स्वयंम घोषणा की थी, जो तुर्की नेता के साथ बुधवार को मिले थे।अधिकारियों ने सरकारी नियमों के मुताबिक जानकारी को केवल नाम न छापने की शर्त पर प्रदान किया। उन्होंने निवेश की प्रकृति पर और जानकारी प्रदान नहीं की।
बैठक के दौरान, एर्डोगन और अल थानी ने अधिकारियों के मुताबिक अपने देशों के बीच संबंधों को विकसित करने के अपने दृढ़ संकल्प को भी व्यक्त किया।
तुर्की और कतर ने पिछले कुछ वर्षों में घनिष्ठ दोस्ती बनी हुई है, अंकारा ने पिछले साल अपने खाड़ी के दौरान दोहा का समर्थन किया था, जिसमें अन्य खाड़ी पड़ोसियों के साथ तुर्की के मैदान में सैनिक भेजना शामिल था।