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पितर स्वरूप
Arun Upadhyay ================== पितर स्वरूप- इसका मूल शब्द पितृ है, जिसके कर्त्ता रूप हैं-पिता, पितरौ, पितरः। पिता का एक ही अर्थ है, जन्मदाता पुरुष। ऐसे २ पुरुष नहीं होते, अतः पितरौ का अर्थ है माता-पिता। पितरः के बहुत से अर्थ हैं-माता-पिता के पक्ष के जीवित या मृत सभी पूर्वज, किसी भी निर्माण का स्रोत या […]
भारत की अर्थ- व्यवस्था ध्वस्त हो रही है, मगर क्यों?
इर्ना न्यूज़ एजेन्सी ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि भारत की अर्थ – व्यवस्था की जो दशा है उसे देखते हुए फिलहाल किसी तरफ से अच्छे संकेत नहीं मिल रहे हैं और आंकड़ों से पता चलता है कि मंदी, बड़ी तेज़ी से पैर पसार रही है और आशा की कोई किरण भी नहीं […]
#भारत प्रभात पार्टी ने किसानों के समर्थन में रिलायंस के #JIO सिम तोड़े : अम्बानी-अडानी के ख़िलाफ़ जनता का आक्रोश : वीडियो
विजय शंकर सिंह =========== 8 दिसंबर, को किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में भारत बंद का आह्वान किया था। बंद सफल रहा। सबसे उल्लेखनीय बात थी कि, इस बंद में देश में कहीं से भी हिंसा के समाचार नहीं मिले। लंबे समय के बाद, देश में जनहित के मुद्दे पर जनता जागरूक दिखी और […]