अलीगढ़।पूरी दुनियां में कोरोना वायरस की वजह से आम आदमी, मजदुर, ग़रीब सबसे ज़यादा मुतासिर हो रहे हैं, एक तरफ महामारी से जान का ख़तरा बना हुआ तो दूसरी तरफ भूख की वजह से लोगों की जिंदिगी को बड़े ख़तरे पैदा हो रहे हैं, ये वक़्त इंसानों की तारीख़ का सबसे ख़ौफ़नाक वक़्त है, बड़ी ताक़तें औंधे मूँह गिर पड़ी हैं, अमेरिका, यूरोप में कोरोना की बवा से अब तक तक़रीबन दो लाख के क़रीब लोगों की मौतें हो चुकी है
अल्लाह जब किसी काम को करना चाहता है तो वो हो जाता है, उसे न तो नींद आती है, न कुछ भी उससे छिपा हुआ है, वो हर भेद का जानने वाला है, वो जिसे चाहता है उसे अपने लिए चुन लेता है, वो जिसे चाहता है उसके दिलों को पाक कर देता है और उन्हें खोल देता है, वो जिसे चाहता है इज़्ज़त वालों में शुमार करता है, उसके सिव कोई माबूद नहीं है, और हमें उसी की तरफ लौट कर जाना है
अलीगढ ज़िले में कोरोना महामारी के वक़्त में अनेक लोग, लोगों की मदद के लिए सामने आये हैं और दिल खोल कर अल्लाह के बन्दों की मदद कर रहे हैं
थाना सिविल लाइन्स इलाके बरगद हाउस निवासी मशहूर समाज सेवी ख़ालिद ख़ान उर्फ़ पप्पू ख़ान इस बुरे वक़्त में ग़रीबों के मसीहा बनकर सामने आये हैं, वो हर रोज़ सैंकड़ों लोगों तक, घर घर ज़रूरत का तमाम सामान खुद ले कर पहुँच रहे हैं, इस काम के लिए ख़ालिद ख़ान सुबह से देर शाम तक लगे रहते हैं, रमज़ान का महीना है तो वो ख़ास तौर पर इफ्त्तार और सहरी का सामन भी बाँट रहे हैं
9 मई 2020 के दिन थाना सिविल लाइन के आलमबाग, भमोला और नगला बूंदा में पूर्व पार्षद सईदा बेगम, मौ० ममनून व मौ० शमशुल के नेतृत्व में वहां के लोगों को खाद्य सामग्री वितरण की और तीनों जगहों पर गली-गली जाकर कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए सैनिटाइ कराया गया, इस अवसर पर पूर्व पार्षद सहित इलाके के अनेक लोगों ने खालिद खान पप्पू की इस मुश्किल वक़्त में काम करने की तारीफ की, और कहा कि इस समय कोरोना वायरस की वजह से सभी रोजगार बंद पड़े हैं लोग खाने तक से तरस रहे हैं ऐसे में खालिद खान पप्पू लोगों को खाद्य सामग्री वितरण कर रहे हैं यह उनकी अच्छी पहल है!
लोगों ने सैनिटाइज के कार्य भी बहुत उपयोगी बताया।
उसके बाद खालिद खान पप्पू ने मेडिकल रोड, रेलवे स्टेशन के पास लेटे बेसहारा व मजदूर लोगो को व रामघाट रोड होते हुए जमालपुर इलाकों में बने हुए खाने के पैकेट बेसहारा व् गरीब लोगों व मजदूरों को वितरण किए।
लखनऊ में एक मिसाल बहुत मशहूर है, जिसको न दे मौला, उस को दे आसिफुद्दौला
ख़ालिद ख़ान उर्फ़ पप्पू ख़ान आसिफुद्दौला तो नहीं हैं लेकिन उनकी ख़िदमातें जो वो इस खौफनाक वक़्त में अंजाम दे रहे हैं, वो नक़ाबले बदल हैं