– यमन में अंसारुल्लाह आंदोलन के साथ पूर्व राष्ट्रपति मंसूर हादी के संगठन का युद्ध बंदियों का तबादला हुआ। इस समझौते पर पहले ही सहमति बन गई थी मगर इसमें सऊदी अरब की ओर सा लगातार रुकावट डाली जा रही थी।
– नागोर्नो काराबाख़ मं आज़रबाइजान और आर्मीनिया के बीच झड़पें फिर तेज़ हो गई हैं। दोनों देशों की सेनाओं ने एक दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है। रूसी राष्ट्रपति पुतीन ने तुर्क राष्ट्रपति अर्दोग़ान से कहा हे कि इस मामले में सार्थक सहयोग करें।
– करग़ेज़िस्तान के राष्ट्रपति ने त्यागपत्र दे दिया है और अपने समर्थकों से कहा है कि वह सड़कों से हट जाएं। उन्होंने कहा कि मैं रक्तपात से राष्ट्रपति नहीं बनना चाहता।
– इस्राईली जेल में बंद फ़िलिस्तीनी क़ैदी माहिर अलअख़रस ने कई महीने से जारी भूख हड़ताल को जारी रखने का संकल्प दोहराते हुए कहा है कि वह इस्राईलियों के हाथों अपमान सहन नहीं कर सकते। वह 81 दिन से भूख हड़ताल पर हैं।
– इस्राईल ने अवैध रूप से क़ब्ज़े में लिए गए वेस्ट बैंक के इलाक़े में 2 हज़ार 166 नए मकानों के निर्माण की योजना को अंतिम स्वीकृति दे दी है। इस्राईल ने यह क़दम तब उठाया है जब हाल में उससे बहरैन और अरब इमारात ने शांति समझौता किया है।
– जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने कोरोना वायरस की महामारी की नई लहर उठ जाने के बाद चेतावनी दी है कि हम कोरोना वायरस का संक्रमण तेज़ी से बढ़ने के चरण में हैं जिसका अंदाज़ा रोज़ाना के आंकड़ों से बहुत आसानी से लगाया जा सकता है।
तुर्की कभी भी हमारा घटक नहीं रहा : रूस
रूस ने यह बात स्पष्ट की है कि तुर्की कभी भी उसका घटक देश नहीं रहा है।
रूस के विदेशमंत्री ने गुरूवार को कहा कि मास्को ने कभी भी अंकारा को अपने एक स्ट्रैटेजिक घटक के रूप में नहीं देखा। उन्होंने कहा कि हम उसे केवल एक सहयोगी की दृष्टि से ही देखते हैं।
फ़ार्स समाचार एजेन्सी के अनुसार सरगेई लावरोफ ने क्षेत्र के हालिया संकटों की ओर संकेत करते हुए कहा कि कराबाख़ संकट के बारे में तुर्की के दृष्टिकोण का रूस समर्थन नहीं करता। उनका कहना था कि इस मामले में तुर्की, आज़रबाइजान का समर्थन कर रहा है जबकि हमने निष्पक्ष नीति अपनाई है। कराबाख़ को लेकर आर्मीनिया तथा आज़रबाइजान गणराज्य के बीच उत्पन्न होने वाले संकट में रूस, निष्पक्ष रहते हुए दोनो पक्षों से शांति की अपील कर रहा है।
अपनी इसी नीति के अन्तर्गत रूस ने माॅस्को में आर्मीनिया तथा आज़रबाइजान गणराज्य के बीच युद्ध विराम का समझौता कराया था किंतु कुछ ही घण्टों के बीच उसका उल्लंघन किया गया। सरगेई लावरोफ का कहना है कि रूस अब भी इस मामले में निष्पक्ष रहते हुए शांति स्थापित करने के प्रयास कर रहा है।
कराबाख़ क्षेत्र के स्थाई समाधान में सहायता के लिए तैयार हैंः ईरान
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हम कराबाख़ क्षेत्र के स्थाई एवं शांतिपूर्ण समाधान के पक्षधर हैं जिसके लिए सहायता कर सकते हैं।
ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया गया गुरूवार को ईरान के विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ़ और आज़रबाइजान गणराज्य के विदेशमंत्री जैहून बाएरामोफ के बीच टेलिफोनी वार्ता में कराबाख़ मुद्दे सहित क्षेत्रीय परिवर्तनों पर चर्चा की गई। इस बातचीत में जवाद ज़रीफ ने कहा कि तेहरान इस मामले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सहायता करने को तैयार है। आज़रबाइजान के विदेशमंत्री ने ईरान के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।
याद रहे कि कराबाख़ क्षेत्र को लेकर आर्मीनिया और आज़रबाइजान गणराज्य के बीच लंबे समय से मतभेद चला आ रहा है। यह विवाद 1988 से आरंभ हुआ जो अबतक जारी है। 27 सितंबर 2020 से फिर से इसी मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच युद्ध चल रहा है।
आज़रबाइजान-आर्मेनिया युद्ध में मरने वाले 119 सीरियाई लड़ाकों के शव सीरिया पहुंचे
तुर्की द्वारा आज़रबाइजान-आर्मेनिया युद्ध में तैनात किए गए 119 सीरियाई विद्रोहियों के शवों को सीरिया ले जाया गया है।
लंदन स्थित तथाकथित सीरियन ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक़, नार्गोनो-क़राबाग़ में जारी लड़ाई में आज़रबाइजान की ओर से लड़ने वाले सीरियाई लड़ाकों के शवों को उनके वतन वापस लौटा दिया गया है।
सीरियन ह्यूमन राइट्स वॉच का दावा है कि अभी तक 119 लड़ाकों के शवों की वापसी की पुष्टि हो चुकी है, जिन्हें तुर्की द्वारा आज़रबाइजान की ओर से लड़ने के लिए भेजा गया था।
हालांकि तुर्की और आज़रबाइजान आर्मेनिया के ख़िलाफ़ युद्ध में सीरियाई लड़ाकों के इस्तेमाल की रिपोर्टों का खंडन करते रहे हैं और इसे आर्मेनिया समर्थक पश्चिमी मीडिया का प्रोपैगंडा क़रार दे रहे हैं।
ऐसी रिपोर्टें भी हैं कि सीरियाई लड़ाकों की तैनाती का सिलसिला जारी है और 400 लड़ाकों का एक समूह क़राबाग़ जाने के लिए तैयार है।
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि तुर्की अब तक 1450 सीरियाई लड़ाके इस युद्ध में तैनात कर चुका है।
तुर्की ने इन लड़ाकों को आश्वासन दिया था कि उन्हें ज़िम्मेदारी, आज़रबाइजान के तेल कुंवों की रक्षा करना होगी।
आज़रबाइजान व आर्मिनिया को ईरान की कड़ी चेतावनी, आतंकवादियों के लिए रास्ता खोला तो …
इस्लामी गणतंत्र ईरान के सरकारी प्रवक्ता ने आज़रबाइजान रिपब्लिक और आर्मिनिया के बीच होने वाली लड़ाई को रोकने के लिए उठाए जाने वाले हर क़दम का समर्थन करते हुए कहा है कि इलाक़े में आतंकवादियों के लिए जिस देश ने भी रास्ता खोला अंजाम भी उसी देश को भुगतना होगा।
अली रबीई ने कहा कि ईरान उन गिने चुने देशों में से हैं जिनका क़राबाख विवाद के दोनों पक्षों से अच्छे संबंध हैं।
उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान अपने पड़ोसियों से यह मांग करता है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों और देश की अंखडता के सम्मान के साथ गंभीर वार्ता में भाग लें और युद्ध विराम के हर प्रकार के उल्लंघन से बचें।
ईरान के सरकारी प्रवक्ता ने इसी तरह दोनों देशों के युद्ध में आम नागरिकों के मारे जाने पर खेद प्रकट करते हुए बल दिया है कि इस प्रकार की घटनाएं फिर से नही होनी चाहिंए।
उन्होंने ईरान के खिलाफ अमरीकी प्रतिबंधों के परिणाम में दवाओं के आयात में होने वाली समस्या के बारे में कहा कि युरोप को अमरीकी आदेशों का पालन करने वाला नहीं बनना चाहिए वैसे युरोप ने सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र संघ के स्तर पर यह सिद्ध किया है कि वह स्वाधीनता के साथ फैसला करते हैं और तेहरान को आशा है कि यही स्थिति अन्य मंचों पर भी नज़र आएगी।
अली रबीई ने दवाओं के आयात पर प्रतिबंधों का असर न होने के अमरीकी दावे पर कहा कि अमरीका झूठ बोल रहा है और वह दवाओं के आयात के लिए रक़म ट्रांसफर की राह में बाधा पैदा करता है।
Sima @simariad1996 Armenia truly showing its barbarism. They’re seriously not proceeding for peace which is apparent today. #azarbaijan, #StopArmenianAggression, #PrayForGanja
Nurettin Akçay @akcay_nurettinn Despite the ceasefire, #Armenian army shelled residential areas in #Ganja with long-range missiles.
Many civillian were injured and killed. Many kids also injured after the heavy artillery. Attacking civillians is a war crime against humanity.
#azarbaijan #Armenia
Irfan Rao @IamRao_ While other regional countries #Russia, #Turkey, #Iran, #Pakistan, and #India have already picked the side in this fight. This small fight between the two countries can turn into a big war among different countries.
Artak Beglaryan @Artak_Beglaryan #BREAKING! #Azerbaijan social media published a video showing how Az servicemen are humiliating & killing #Artsakh/#Karabakh war prisoners, one of them an elderly civilian. We already have many proofs on such #WarCrimes, but Az MoD rejects.
Loris Baghdasaryan @LorisBaghdasar2 The children of #Artsakh #StopAzerbaijaniAggression & recognize their RIGHT to LIFE.
किस साल ज़ायोनी सैनिकों ने 1300 फ़िलिस्तीनियों को शहीद किया और उसके जवाब में फ़िलिस्तीनियों ने 160 इस्राईली सैनिकों को मौत के घात उतारा इलाक़े की अरब सरकारें, कभी भी फिलिस्तीनियों के साथ नहीं थीं, हम बढ़ा रहे हैं अपनी ताक़त, हिज़्बुल्लाह लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के उप महासचिव ने कहा है कि इलाक़े […]
इस्राईल ने पूरी दुनिया में अपने दूतावास की सुरक्षा बढ़ाई, क्षेत्र में अमरीकी फ़ोर्सेज़ भी अलर्ट इस्राईल ने ईरानी वैज्ञानिक की हत्या के बाद पूरी दुनिया में अपने दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी है। ईरान के रक्षा उद्दोग के साइंटिस्ट मोहसिन फ़ख़्रीज़ादे की हत्या के बाद ज़ायोनी शासन ने पूरी दुनिया में अपने दूतावास को […]
सऊदी अरब की सरकार से निकट समाचार पत्र अश्शरक़ुलऔसत में ” मशारी अज़्ज़ायदी” ने लिखा है कि ईरान और सऊदी अरब के मध्य वार्ता की खबरें अक्सर सुनायी देती हैं यहां तक कहा जाता है कि ईरान व सऊदी अरब के बीच मौजूद संकट बस खत्म ही होने वाला है। ईरान और सऊदी अरब के […]