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तसवूफ़ एक बदनाम लफ़्ज़ होकर रह गया है….तसवूफ़ क्या है? : Part-6
Razi Chishti ================== · (6) नबी करीम saw फ़रमाते हैं कि “जिसने पहचाना अपनी ज़ात(नफ़्स) को उसने पहचाना अपने रब को” हज़रत अबू बक़र ra ने फ़रमाया है कि “पाक है वो ज़ात जिसने अपनी पचान का ज़रिया इंसान के सिवा कुछ बनाया ही नहीं”. इसी पहचान की बिनाअ पर नेजाते ख़ास मिलेगी. अल्लाह […]
तसवूफ़ एक बदनाम लफ़्ज़ होकर रह गया है….तसवूफ़ क्या है? : Part-4
Razi Chishti ====================== · (4) नबी करीम saw फ़रमाते हैं कि अगर कोई शख़्स यह गवाही देता है कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं है और मुहम्मद saw अल्लाह के रसूल हैं, और नमाज़, रोज़ा, हज व ज़कात के अरकान पर पाबंदी से अमल पैरा है तो वह इस्लाम पर है और […]
उनका दोस्त अल्लाह है कि उनको अँधेरों से निकाल कर रोशनी में ले जाता है और जो काफ़िर हैं…
Razi Chishti =================== चाँद का रुख़ जब तक सूरज की तरफ़ रहता है वो रोशन रहता है और जब उसका रुख़ सूरज की तरफ़ से हट जाता है तो वो बेनूर हो जाता है. कुछ ऐसा ही हमारे साथ हुआ है. हमने भी अपना रुख़ अल्लाह swt की तरफ़ से फेर लिया है और जो […]