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उनका दोस्त अल्लाह है कि उनको अँधेरों से निकाल कर रोशनी में ले जाता है और जो काफ़िर हैं…
Razi Chishti =================== चाँद का रुख़ जब तक सूरज की तरफ़ रहता है वो रोशन रहता है और जब उसका रुख़ सूरज की तरफ़ से हट जाता है तो वो बेनूर हो जाता है. कुछ ऐसा ही हमारे साथ हुआ है. हमने भी अपना रुख़ अल्लाह swt की तरफ़ से फेर लिया है और जो […]
तसवूफ़ एक बदनाम लफ़्ज़ होकर रह गया है….तसवूफ़ क्या है? : Part-7
Razi Chishti ================= · (7) अगर कुरान की आयात के ज़ाहिरी मआनी सब कुछ हैं तो अल्लाह swt बार बार क्यों फ़रमा रहा है कुरान में ग़ौर करो और जो ग़ौर नहीं करता उसके लिए फ़रमा रहा है कि तुम ग़ौर क्यों नहीं करते क्या तुम्हारे अक्लों पर ताले पड़े हुए हैं(47:24) और जो […]
तसवूफ़ एक बदनाम लफ़्ज़ होकर रह गया है….तसवूफ़ क्या है? : Part-6
Razi Chishti ================== · (6) नबी करीम saw फ़रमाते हैं कि “जिसने पहचाना अपनी ज़ात(नफ़्स) को उसने पहचाना अपने रब को” हज़रत अबू बक़र ra ने फ़रमाया है कि “पाक है वो ज़ात जिसने अपनी पचान का ज़रिया इंसान के सिवा कुछ बनाया ही नहीं”. इसी पहचान की बिनाअ पर नेजाते ख़ास मिलेगी. अल्लाह […]