

Related News
मज़ा भी नहीं है सज़ा भी नहीं है….नहीं मर्ज़ चाहत, शिफ़ा भी नहीं है : उमेश विश्वकर्मा ‘आहत’ की दो ख़ूबसूरत ग़ज़लें पढ़िये!
Umesh Vishwakarma Aahat ================ बहरे- मुतकारिब मुसमन सालिम अर्कान= फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़्तीअ= 122, 122, 122, 122 क़ाफ़िया= (आ- स्वर) रदीफ़= भी नहीं है ग़ज़ल * मज़ा भी नहीं है सज़ा भी नहीं है । नहीं मर्ज़ चाहत, शिफ़ा भी नहीं है । * कभी दोस्ती में दग़ा भी नहीं है । मगर ये […]
*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳**💐💐सरहद के बिना दुनिया💐💐*By-Satyavir Singh Bhuria
Satyavir Singh Bhuria ============= *🌳🦚आज की कहानी🦚🌳* *💐💐सरहद के बिना दुनिया💐💐* राजस्थान के झुंझुनूं जिले का छोटा सा गांव था नयासर । शहर के कोलाहल से बहुत दूर , यहां शान्ति ही शान्ति थी । नंदाराम कस्वां अपने माता पिता और दो बडे भाईयो के साथ रहता था । बचपन मे उसने अपनी दादी जी […]
⚘आज फिर जाँच, एक लघुकथा…By – रूबी गुप्ता
Satyendra Rubi Gupta ============== एक लघुकथा: ⚘आज फिर जाँच। सुबह का समय सब कुछ अपने नियत समय से चल रहा था। प्रार्थना सभा के बाद कुछ कहानी कविताओं के साथ आज के पठन पाठन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। प्रति दिन के भाँति ही सब कुछ सामान्य था रसोईघर में दाल के छौंक से बच्चों के […]