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”नए आये साहब” ने जैसे ही दफ़्तर में प्रवेश किया वो वहाँ के हालात देखकर आग बबूला हो गये
चित्र गुप्त ============== नए आये साहब ************ नए आये साहब ने जैसे ही दफ़्तर में प्रवेश किया वो वहाँ के हालात देखकर आग बबूला हो गये। साहब का आग बबूला होना ही उनके बड़े पद का परिचायक होता है। पहले तो सब कर्मचारियों ने यही सोचा था लेकिन थोड़ी देर बाद ही उनको अपनी गलती […]
माँ एक बार फिर से गले लगाने के लिए आ….
Dr.vijayasingh ================ मुझे अच्छा लगता है माँ तुझे देखते रहना…तुम्हारी बिखरी चीज़ों का पड़ा रहना…तुम्हारी दवाइयों का बिखरा रहना…कार में खुद बैठने से पहले आपको को बैठाना आपकी छड़ी को पकड़ना जिस वक्त तुम्हारा हाथ पकड़कर सड़क पर चलती हूँ उस वक्त बहुत गर्व महसूस होता है कि मैं अपनी माँ का हाथ पकड़ रही […]
देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की……आरती दुबे की रचना
Aarti Dubey ============== · देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की । हथेली मेरी, मेहंदी तुम्हारे नाम की । सिर मेरा, चुनरी तुम्हारे नाम की । मांग मेरी, सिन्दूर तुम्हारे नाम का । माथा मेरा, बिंदिया तुम्हारे नाम की । नाक मेरी, नथनी तुम्हारे नाम की । गला मेरा, मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का । कलाई मेरी, […]