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आतंकी ज़ायोनी मंत्री द्वारा मस्जिदुल अक़्सा का अनादर करने पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस्राईल को लगाई फटकार

मस्जिदुल अक़सा के प्रांगड़ में इस्राईली मंत्री इतामार बेन ग्विर के घुसने की घटना से व्यापक रूप से पैदा होने वाले आक्रोश के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने अवैध ज़ायोनी शासन को कड़ी फटकार लगाई है।

फ़िलिस्तीन और जॉर्डन के संयुक्त अनुरोध और संयुक्त अरब इमारात और चीन के समर्थन से अवैध ज़ायोनी शासन के मंत्री की भड़काऊ और कट्टरपंथी कार्यवाही की समीक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक गुरुवार शाम को आयोजित की गई, जिसमें परिषद के सभी सदस्यों ने मस्जिदुल अक़्सा का अनादर करने के लिए ज़ायोनी सरकार के मंत्रिमंडल की निंदा की। ग़ौरतलब है कि अवैध ज़ायोनी शासन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री और धुर दक्षिणपंथी पार्टी के नेता इतामार बेन ग्विर ने आतंकी ज़ायोनी सैनिकों के साथ मंगलवार को बैतुल मुक़द्दस के सबसे पवित्र स्थल मस्जिदुल अक़्सा में ज़बरदस्ती घुसकर उसका अनादर किया। विभिन्न देशों और संगठनों ने ज़ायोनी मंत्री की इस क़दम की कड़ी निंदा की है।

इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्यों ने ज़ायोनी सरकार की उक्त कार्यवाही को भड़काऊ और ख़तरनाक बताते हुए निंदा की है। बैठक की शुरुआत में, पश्चिम एशिया, एशिया और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सहायक मोहम्मद ख़ालिद अल ख़ियारी ने कहा कि इस दौरे के समय या उसके बाद किसी प्रकार की कोई हिंसा नहीं हुई, मगर यह दौरा विशेष रूप से भड़काऊ है, चूंकि बेन ग्विर अतीत में यथास्थितिवाद में बदलाव की पैरोकारी कर चुके हैं। अल ख़ियारी ने कहा कि अतीत में भी पहले कईं बार देखा जा चुका है कि बैतुल मुक़द्दस के पवित्र स्थलों पर हालात बेहद नाज़ुक हैं। ज़ायोनी शासन के मंत्री द्वारा अंजाम दी गई कार्यवाही से कोई भी घटना या तनाव वहां फैल सकता है और फ़िलिस्तान एवं अवैध अधिकृत फ़लस्तीनी क्षेत्र में हिंसा का कारण बन सकता है। बता दें कि चीन और रूस के प्रतिनिधियों ने भी ज़ायोनी मंत्री के इस क़दम पर चिंता जताते हुए इसे भड़काऊ और उकसावे वाली कार्यवाही क़रार दिया है।