कश्मीर राज्य

4000 से ज़्यादा #कश्मीरी पंडित कर्मचारी मांगों को लेकर #जम्मू में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, उपराज्यपाल ने कहा-बिना काम के वेतन नहीं!

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्मीर घाटी में तैनात कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार उन्हें बिना काम के वेतन नहीं देगी.

12 मई को राहुल भट्ट की बड़गाम ज़िले में सरकारी दफ्तर के अंदर चरमपंथियों द्वारा की गयी हत्या के बाद से लगभग 4000 से ज़्यादा कश्मीरी पंडित कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर जम्मू में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा ,” मैं यह बात सार्वजानिक रूप से कहना चाहता हूँ कि कर्मचारियों ने मुझसे मिलकर व्यक्तिगत तौर पर कहा था कि हमें थोड़ा ब्रीथिंग टाइम दे दीजिये.”

“31 अगस्त तक की तनख्वाह सब को दे दी गई है लेकिन अब यह नहीं हो सकता है कि घर बैठ कर के तनख्वाह दी जाए ! यह ‘साफ़ संदेश’ है यह बात सब को सुनना चाहिए, समझना चाहिए”.

उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को वो कहना चाहते हैं कि पुंछ के कैडर को जम्मू में तैनात नहीं किया जा सकता है. इसी तरह कश्मीर संभाग के कर्मचारी को जम्मू संभाग में तैनात करने के लिए कोई नीति नहीं है. हालांकि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. उनकी मांग हल करने की कोशिश की जाएगी.

उपराज्यपाल ने कहा, “मेरी पूरी सहानुभूति है. प्रशासन को कश्मीर संभाग में कार्यरत कश्मीर पंडित एवं आरक्षित वर्ग कर्मचारियों की सुरक्षा की चिंता है. इसके लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं.जम्मू कश्मीर प्रशासन हर प्रकार से उनकी सुरक्षा, उनकी मदद के लिए पूरी तरह से तैयार है.”उपराज्यपाल ने कहा, ” यह सच है दुखद घटना मई में हुई थी . उस समय से यह कर्मचारी हड़ताल पर थे.मैं निरंतर उनसे संपर्क में थाऔर उनकी लम्बे समय से चली आ रहीं जो समस्याएं थी, मैंने ईमानदारी से कोशिश की उनका समाधान कर दिया जाए.”