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4th day of Israil-Palestine war : 35 से ज़यादा फ़िलस्तीनों की मौत, गाज़ा में धमाके, फ़िलस्तीनियों नेTel Aviv, Ashdod, Ashkelon पर रॉकेट दाग़े : रिपोर्ट

इसराइल और फ़िलस्तीन के बीच आज चौथे दिन भी लड़ाई जारी है, इसराइल ने दिन के वक़्त गाज़ा पर कई हमले किये वहीँ जवाब में फिलस्तीनी संगठनों ने भी इसराइल के कई शहरों पर रॉकेटों से हमला किया, जैसे-जैसे वक़्त बीतता जा रहा है हर रोज़ ये जंग भयानक होती जा रही है, अब तक 35 से ज़यादा फ़िलस्तीनों की मौत हो चुकी है जिनमे बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं

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#Israel uses David’s Sling interceptor for the first time against #Gaza rockets

Israel’s mid-range air defence missile system David’s Sling was successfully deployed in operations for the first time during cross-border fighting with Gaza resistance, two Israeli military sources said.

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Hamas sent a message to Egypt that if Israel does not stop the attacks in the Gaza Strip by tomorrow, it will join the battle.\

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#BREAKING

Rockets fired towards southern Tel Aviv, Ashdod, Ashkelon

Footage of the rocket salvo launch from Gaza into Israel


इस्राईल के हमलों का जवाब देने के लिए फ़िलिस्तीनियों को किस हथियार की ज़रूरत है?

गुरुवार को तड़के ग़ज्ज़ा के दक्षिण में ख़ान यूनुस स्थित एक आवासीय इमारत पर ज़ायोनी सेना ने हवाई हमला किया, जिसके नतीजे में जिहादे इस्लामनी के एक कमांडर और उनके भाई समेत तीन लोगों की शहादत हो गई।

जिहादे इस्लामी ने एक बयान जारी करके शहीद होने वाले अपने कमांडर अली ग़ाली को श्रद्धांजलि दी है और बताया है कि वे प्रतिरोधी गुट की रॉकेट लॉचिंग फ़ोर्स के कमांडर थे।

जिहादे इस्लामी ने अपने बयान में अपने सीनियर कमांडर अली ग़ाली के ख़ून का बदला लेने की चेतावनी भी दी है। ज़ायोनी शासन इससे पहले भी कई बार अली ग़ाली की हत्या के लिए प्रयास कर चुका था, लेकिन हर बार उसे नाकामी हाथ लगी थी।

फ़िलिस्तीनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, गुरुवार को तड़के इस्राईल ने ख़ान यूनुस में एक आवासीय इमारत को निशाना बनाया, जिसमें जिहादे इस्लामी के कमांडर शहीद हो गए और कई अन्य लोग घायल हुए।

सूत्रों का कहना है कि ख़ान यूनुस स्थित अली ग़ाली के घर को ज़ायोनी सेना ने अमरीका निर्मित जीबीयू-39 गाइडेड मिसाइल से निशाना बनाया है। फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मंगलवार को तड़के शुरू होने वाले इस्राईल के भीषण हमलों में कई बच्चों और महिलाओं समेत अब तक 25 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं। ज़ख़्मी होने वाले फ़िलिस्तीनी की संख्या 76 से ज़्यादा है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर हैर।

फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ होने वाले ज़ायोनी शासन के हमलों पर अगर नज़र डालें, तो पता चलेगा कि यह हमले दुनिया के सबसे ख़ूंख़ार आतंकवादी गुट दाइश के हमलों से भी ज़्यादा बर्बरतापूर्ण हैं।

दाइश और अल-क़ायदा जैसे आतंकवादी गुट अकसर अंधाधुंध लोगों की हत्या करते हैं और आम नागरिकों को निशाना बनाते हैं। ऐसे ही हमले ज़ायोनी शासन भी करता है, लेकिन ज़ायोनी शासन के पास इन आतंकवादी गुटों की तुलना में कहीं अधिक घातक और सामूहिक विनाश के हथियार हैं। यही वजह है कि उसके हमलों मे तबाही का दायरा भी उसी अनुपात से विस्तृत और व्यापक होता है।

इसी तथ्य को मद्देनज़र रखते हुए प्रतिरोधी फ़िलिस्तीनी गुटों को हवाई हमलों का मुक़ाबला करने और इन हमलों के मुक़ाबले में अपनी रक्षात्मक शक्ति को बढ़ाने के लिए वायु रक्षा प्रणाली जैसे हथियारों और उपकरणों की ज़रूरत है।

फ़िलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि ज़ायोनी शासन के हमलों के जवाब में फ़िलिस्तीनियों ने क़रीब 700 रॉकेट फ़ायर किए हैं, जिनका मुक़ाबला करने के लिए इस्राईल ने पहली बार वायु रक्षा प्रणाली डेविड स्लिंग का इस्तेमाल किया है, क्योंकि आयरन डोम प्रतिरोधी रॉकेटों का मुक़ाबला करने में विफल रहा है।

इस्राईली अख़बार यदियोत आहारनोत का कहना है कि फ़िलिस्तीनियों की ओर से दाग़े जाने वाले रॉकेटों का मुक़ाबला ज़ायोनी शासन को बहुत मंहगा पड़ रहा है। क्योंकि वायु रक्षा प्रणाली से फ़ायर किए जाने वाले हर मिसाइल पर 10 लाख डॉलर का ख़र्च आता है।