उत्तर प्रदेश राज्य

70 साल के ससुर का 28 वर्षीय बहू पर आया दिल, मंदिर में रचाई शादी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के छपिया उमराव गांव के 70 वर्षीय कैलाश यादव का 28 वर्षीय पुत्रवधू पूजा से मंदिर में विवाह करने की फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई है। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।

गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के छपिया उमराव गांव के 70 वर्षीय कैलाश यादव का 28 वर्षीय पुत्रवधू पूजा से मंदिर में विवाह करने की फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई है। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। हालांकि जागरण इस तस्वीर की पुष्टि नहीं करता।

यह है मामला
कैलाश यादव बड़हलगंज थाने में चौकीदार है। पत्नी की मृत्यु 12 वर्ष पूर्व हो चुकी है। कैलाश ने चार बच्चों में तीसरे नंबर के बेटे की मृत्यु के बाद बहू की शादी किसी अन्य जगह करा दी थी। मगर वह वहां से चली आई। इसके बाद वह अपने पहले वाले ससुराल कैलाश के घर रह रही थी। इसी बीच अब इंटरनेट मीडिया पर उसके शादी का फोटो वायरल हुआ तो लोगों में यह चर्चा का विषय बन गया है। आसपास लोगों में तरह-तरह की बातें हो रही हैं।

क्या कहती है पुलिस
कोतवाल जेएन शुक्ला ने बताया कि कैलाश और उनका एक बेटा थाने पर चौकीदार और फालोअर का कार्य करते हैं। इंटरनेट मीडिया पर वायरल फोटो की जानकारी कर रहे हैं।

हत्या के मामले में दो को आजीवन कारावास
हत्या कर शव छिपाने का आरोप सिद्ध होने पर जनपद न्यायाधीश तेज प्रताप तिवारी ने चौरी चौरा थाना क्षेत्र के विलारी गांव निवासी नीरज यादव व रूपेश साहनी को आजीवन कारावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष का कारावास अलग से भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जयनाथ यादव का कहना था कि वादी रामसिंह यादव चौरी चौरा थाना क्षेत्र के केवला चक का निवासी है। 10 दिसंबर, 2014 की शाम करीब छह बजे वादी की भतीजी रीतम को फोन कर अभियुक्त बुलाए और उसे बाइक पर बैठाकर भगा ले गए। इसके बाद उसकी हत्या कर शव ग्राम अयोध्या चक रेलवे लाइन ट्रैक पर डाल दिए। अगले दिन इसकी सूचना वादी को हुई तो उसने मुकदमा दर्ज कराया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर सजा सुनाई।