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एक लड़की ने बदल दी डिलिवरी बॉय की किस्मत!

टेक कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के तौर पर काम करने वाली लिंक्डइन यूजर प्रियांशी चंदेल ने साहिल की मदद की. साहिल उनके घर आइसक्रीम की डिलीवरी करने आए थे वो 30-40 मिनट देरी से आए. जब चंदेल ने साहिल से देरी का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पास कोई वाहन नहीं था इसलिए फ्लैट तक आने के लिए 3 किलोमीटर तक पैदल यात्रा करनी पड़ी. साहिल ने बताया कि उनके पास इलेक्ट्रिकल एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री है, Byju’s और निंजाकार्ट में काम कर चुके हैं. लेकिन कोरोना महामारी में नौकरी जाने के बाद 30 साल के साहिल को अपने घर जम्मू वापस लौटना पड़ा था. साहिल ने प्रियांशी से कहा, ‘मैम, मेरे पास ट्रैवल करने के लिए स्कूटी या दूसरा कोई वाहन नहीं है, आपके ऑर्डर के लिए 3 किलोमीटर तक चलकर आया हूं. मेरे पास बिलकुल पैसा नहीं है और यह मेरे फ्लैटमेट की वजह से हुआ क्योंकि उसने मेरे बचे हुए पैसे भी ले लिए, जिससे मैं अपनी यूलू बाइक को चार्ज करता और मुझे 235 रुपये के कर्ज में डाल दिया है. मेरे पास मकान मालिक को देने के लिए कुछ भी नहीं बचा है. आपको लग रहा होगा कि मैं बस ऐसे ही बोल रहा हूं, लेकिन मैं पूरी तरह शिक्षित हूं, ईसीई ग्रेड हूं, मैं कोविड के दौरान अपने घर जम्मू जाने से पहले निंजाकार्ट, BYJU’S में काम करता था.’ उसने आगे बताया, ‘इस ऑर्डर की डिलीवरी के लिए भी मुझे केवल 20-25 रुपये मिलेंगे, और मुझे 12 बजे से पहले दूसरी डिलीवरी लेनी होगी, वरना वो मुझे कहीं दूर डिलीवरी के लिए भेज देंगे, और मेरे पास बाइक नहीं है. मैंने एक हफ्ते से खाना नहीं खाया है, सिर्फ पानी और चाय पी रहा हूं. मैं कुछ नहीं मांग रहा, प्लीज अगर आप मेरे लिए कोई काम ढूंढ सकें, मैं पहले 25 हजार रुपये कमाता था, मेरे मां-बाप बूढ़े हो रहे हैं और मैं उनसे पैसे मांगता नहीं रह सकता.’

इसके बाद प्रियांशी ने साहिल के ई-मेल के साथ उनकी मार्कशीट, सर्टिफिकेट और दस्तावेजों की तस्वीरें लिंक्डइन पर शेयर कीं. ‘अगर किसी के पास ऑफिस बॉय, एडमिन वर्क, कस्टमर सपोर्ट जैसे काम के लिए कोई नौकरी है, तो कृपया इनकी मदद करें.’ इसके बाद बहुत से लोग मदद के लिए आगे आए. कुछ ने यूलू बाइक को रिचार्ज करवाया, तो कुछ ने खाने की डिलीवरी का ऑर्डर दिया. इसके बाद प्रियांशी ने अपडेट देते हुए कहा कि साहिल को नौकरी मिल गई है.

साहिल की कहानी हम सभी को कहीं न कहीं बताती है कि नेकदिल लोगों की आज भी कमी नहीं है और दुनिया में सही मंशा से किया गया कार्य असफल नहीं होता.