विस्फोट की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। वहीं एक इस्लामिक मौलवी अमीर मोहम्मद काबुली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और दावा किया जा रहा है कि वह विस्फोट में मारा गया।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि एक मस्जिद में हुए बम हमले में जान गंवाने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़ कर 21 हो गई। हमले में 33 अन्य लोग घायल हुए हैं। अब तक हमले की जिम्मेदारी किसी भी गुट ने नहीं ली है। हालांकि इस तरह के हमलों के लिए देश में इस्लामिक स्टेट समूह से संबद्ध गुटों को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
घायलों में 5 बच्चे शामिल
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह धमाका काबुल शहर के सर-ए-कोटल खैरखाना इलाके में हुआ है। काबुल सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि सेना इलाके में पहुंच गई है। इस बीच, काबुल के आपातकालीन अस्पताल ने ट्विटर पर जानकारी दी कि धमाके में 27 लोग घायल अवस्था में अस्पताल में आए हैं। वहीं घायलों में 5 बच्चे, जिनमें एक 7 साल का बच्चा भी शामिल है।
विस्फोट की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली
विस्फोट की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। वहीं एक इस्लामिक मौलवी अमीर मोहम्मद काबुली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और दावा किया जा रहा है कि वह विस्फोट में मारा गया।
तालिबान की गुहार-हम खतरा नहीं, मदद करें
अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जे की पहली सालगिरह पर तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने विश्व समुदाय से तालिबान सरकार से सहयोग करने का आग्रह किया। मुत्तकी ने कहा, हम सभी को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। मुत्ताकी ने दोहा समझौते पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अफगानिस्तान अमेरिका सहित किसी भी देश के लिए खतरा नहीं है।
शिया समुदाय की मस्जिद में हुआ था विस्फोट
अफगानिस्तान की राजधानी में शिया समुदाय की मोहर्रम माह में एक शोकसभा के दौरान एक वाहन में विस्फोट हुआ था जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 18 अन्य घायल हो गए थे। यह धमाका काबुल के सरकारिज क्षेत्र में एक मस्जिद के पास हुआ। धमाके की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी।
पुलिस प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा, मोहर्रम के लिए यहां कई लोग एकत्र हुए थे। इसी दौरान दो धमाके हुए। विस्फोटक उपकरण एक वाहन में रखे गए थे, जिसकी जिम्मेदारी आईएस ने ली। उसका इरादा शिया हजारा समुदाय के लोगों को निशाना बनाना था।
पहला धमाका इमाम मोहम्मद बाकेर क्षेत्र में हुआ था जो काबुल के सर-ए-करीज इलाके में स्थित जनाना मस्जिद है। दूसरा धमाका जिस इलाके में हुआ वह एक रिहाइशी क्षेत्र है। आईएस ने अपने बयान में 20 लोगों के मरने और घायल होने की बात कही थी। यह क्षेत्र काबुल के भीड़भाड़ वाले इलाके हैं।