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#Bakhmutयूक्रेन के शहर बख़मूत पर नियंत्रण के लिए रूस और यूक्रेन के सैनिकों में भीषण लड़ाई गलियों और सड़कों में पहुंची : रिपोर्ट एंड वीडियो

यूक्रेन के पूर्वी शहर बख़मूत पर नियंत्रण के लिए रूस और यूक्रेन के सैनिकों में भीषण लड़ाई हो रही है. ये लड़ाई अब मोर्चों के दायरे से निकलकर बख़मूत शहर की सड़कों तक पहुंच गई है. हालांकि शहर के डिप्टी मेयर का कहना है कि बख़मूत पर अभी तक रूस का क़ब्ज़ा नहीं हो पाया है. डिप्टी मेयर ओलेक्सांद्र मर्चेंको का कहना है कि शहर में ऐसी एक भी इमारत नहीं बची है जिसे नुक़सान नहीं पहुंचा हो. उनका कहना है कि ये शहर लगभग तबाह हो चुका है. बख़मूत पर नियंत्रण के लिए ये लड़ाई, कई महीनों से जारी है और इसे रूसी सैनिकों ने अब लगभग पूरी तरह से अपने घेरे में ले लिया है. इस बीच अधिकारियों ने रूसी गोलाबारी की वजह से बख़मूत के नजदीक कुपियांस्क में रहने वाले लोगों को वहां से चले जाने का आदेश दिया है.

Clash Report
@clashreport

Bundeswehr announced the transfer of two more Gepard SPAAGs to Ukraine (36 in total), two vehicles for border guards & 13 x Biber armored bridge layers to the 7 existing.

जिनपिंग बोले- चीन की तरक्की रोक रहा अमेरिका, अब रूस का खुलकर साथ देगा बीजिंग?

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आरोप लगाया है कि चीन की प्रगति को बाधित करने के लिए अमेरिका पश्चिमी देशों का नेतृत्व कर रहा है, जिससे चीन के विकास की राह में अभूतपूर्व चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। हांगकांग के ‘साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट’ की एक खबर के मुताबिक, जिनपिंग ने कहा, ‘अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने चीन को चौतरफा घेरने का प्रयास किया है, जिसने देश के विकास की राह में गंभीर चुनौतियां पेश की हैं।

गौरतलब है कि अमेरिका ने हुआई जैसी दिग्गज चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। यूरोपीय संघ के अलावा अमेरिका ने अधिकारियों को चीनी सोशल मीडिया ऐप ‘टिकटॉक’ को अपने फोन से हटाने को कहा है ताकि उनके फोन के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सोमवार को वार्षिक संसद सत्र से इतर एक परिचर्चा के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विकास के मद्देनजर बाहरी माहौल तेजी से बदल गया है और अनिश्चितता, अप्रत्याशित कारकों में बड़ी वृद्धि हुई है।

‘चीन के लिए बढ़ सकती हैं चुनौतियां’
उन्होंने कहा, ‘हम जिन जोखिमों और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, वे भविष्य में और बढ़ेंगे तथा अधिक गंभीर हो जाएंगे।’ संसद सत्र के लिए एक प्रमुख एजेंडा अमेरिका पर निर्भरता कम करने की रणनीति तैयार करना है। इस योजना के हिस्से के रूप में, चीनी सरकार ने रविवार को 2023 में अनुसंधान पर खर्च को दो प्रतिशत बढ़ाकर 328 अरब युआन (47 अरब डॉलर) करने का प्रस्ताव दिया।

दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच गहरा रहा अंतर
चीन के नए विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि अमेरिका और चीन के बढ़ते तनाव के कारण संबंधों में किसी भी तरह की ‘रुकावट’ आने का खतरा है। यह दिखा रहा है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच विभाजन और गहराता जा रहा है। विदेश मंत्री क्विन गेंग ने पिछले साल के अंत में कार्यभार संभालने के बाद मंगलवार को अपनी पहली न्यूज ब्रीफिंग में कहा, ‘अमेरिका का दावा है कि वह चीन को पछाड़ना चाहता है लेकिन वह संघर्ष नहीं चाहता।’

‘अदृश्य हाथ बढ़ा रहा रूस-यूक्रेन युद्ध’
क्विन ने कहा कि एक ‘अदृश्य हाथ’ यूक्रेन में युद्ध के बढ़ने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस ओर इशारा कर रहे हैं। क्विन ने कहा, ‘एक ‘अदृश्य हाथ’ यूक्रेन में संकट का इस्तेमाल कुछ भू-राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए कर रहा है।’ पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से जिनपिंग ने अपने रूसी समकक्ष से कई बार बात की है। लेकिन उन्होंने एक बार भी यूक्रेनी राष्ट्रपति से बातचीत नहीं की है। बीजिंग में मौजूद कीव के शीर्ष राजनयिक के मुताबिक यह चीन की तटस्थता के दावों को कमजोर करता है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

अमेरिका और यूरोप के पास परमाणु पनडुब्बियां तैनात कर रहा रूस

वॉशिंगटन : रूस और यूक्रेन के युद्ध को एक साल से अधिक समय हो चुका है। भले अमेरिका इस जंग में सीधे तौर पर शामिल नहीं है लेकिन वह रूसी गतिविधियों की कड़ी निगरानी कर रहा है। अमेरिकी कमांडर और मिलिट्री ऑब्जर्वर्स हजारों मील दूर रूस के पनडुब्बी बेड़े की गतिविधियों को लेकर आगाह कर रहे हैं। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला बोलने के बाद से रूस काला सागर में अपनी नौसेना को मजबूत कर रहा है। कुछ अधिकारियों की मानें तो रूस अमेरिकी तटों और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में भी अपनी पनडुब्बियों की मौजूदगी को बढ़ा रहा है।

रूस की नौसेना के पास दुनिया में सबसे विविध पनडुब्बी बेड़े में से एक की कमान है। कुछ परमाणु हथियारों के साथ बैलिस्टिक मिसाइल ले जाने में भी सक्षम हैं। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद से रूस अपने पनडुब्बी बेड़े को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। खासकर पिछले कई साल में, रूस ने पनडुब्बियों की एक ऐसी सीरीज का निर्माण किया है जो अमेरिका और यूरोप तक पहुंचने की क्षमता रखती हैं।

‘अमेरिका और यूरोप के पास रूसी पनडुब्बियां’
दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि उनका देश और परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का निर्माण करेगा, ‘जो आने वाले कई दशकों के लिए रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।’ रूस मैरीटाइम स्टडीज इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल पीटरसन, जो दुनिया के महासागरों से जुड़े रूस के सैन्य और आर्थिक मुद्दों पर शोध करते हैं, ने न्यूजवीक के बताया, ‘ऐसे संकेत हैं कि ‘परमाणु शक्ति वाली पनडुब्बियां अमेरिकी तटों, भूमध्यसागरीय और यूरोप के पास तैनात की जा रही हैं।

अमेरिका के लिए खतरा है रूस!
उन्होंने कहा कि उनकी तैनाती ‘शीत युद्ध के दौरान सोवियत पनडुब्बियों की तैनाती’ की याद दिलाती हैं। पिछले अक्टूबर में, अमेरिकी वायु सेना के जनरल ग्लेन वैनहर्क ने अमेरिकी तटों से दूर परमाणु-संचालित Severodvinsk-क्लास की पनडुब्बियों की बढ़ती मौजूदगी के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने रूस को वर्तमान में देश के लिए प्राथमिक खतरा बताया। रूसी पनडुब्बियों की पानी के नीचे की गतिविधियों का सटीक पैमाना अज्ञात है लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि पिछले 20 साल में इसमें स्पष्ट रूप से वृद्धि हुई है।