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#BulandShahar : खून-ख़राबे के 30 साल…बुलंदशहर में IB के रिटायर हेड कांस्टेबल की हत्या के क़ातिल निकले सगे भतीजे…रंजिश में अब तक 10 हत्याएं

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IB के रिटायर हेड कांस्टेबल रामभूल की हत्या के क़ातिल निकले सगे भतीजे… पिता की इच्छा पूरी करने को ली थी चाचा की जान

जमीन के एक टुकड़े के लिए 9 लोगो की जा चुकी जान.. दोनों पक्ष खो चुके हैं 4+5=9 जिन्दागिया

UP बुलंदशहर : IB के रिटायर हेड कांस्टेबल रामभूल की हत्या के मामले में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ हैं।सगे भाई के बेटे यानि भतीजो शिवकुमार और मुकेश ने हत्या को अंजाम दिया था।पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए की थी हत्या, मुठभेड़ में शिव कुमार हुआ घायल, मुकेश भी गिरफ्तार, सलेमपुर के शिवाली- भैंसरौली में हुई मुठभेड़।

जनपद में एक जमीन के टुकड़े पर अधिकार पाने के लिए 1986 से अब कर 9 हत्याएं हो चुकी हैं।जमीन तो जहां थी वहीं है. लेकिन, बंजर हो गई. इसमें दो परिवार पूरी तरह तबाह हो गए. एक परिवार के पिता सहित 4 बेटों ने अपनी जान गवां दी तो वहीं, दूसरे परिवार ने भी 5 लोगों को खोया और 32 सालों से छिप-छिप कर जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

गौरतलब है कि जनपद में 31 अक्टूबर को आईबी के रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल रामभूल को गोलियों से भून दिया गया था। रविवार को एसएसपी ने हत्या का खुलासा कर दिया है।पूर्व हेड कॉन्स्टेबल की हत्या उसके ही दो भतीजों ने बदला लेने और अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए की थी. वहीं, 30 साल पहले हेड कॉन्स्टेबल के पिता और भाइयों की जमीन विवाद में हत्या हो चुकी है।प्रेसवार्ता से पहले कस्टड़ी में पुलिस गाड़ी में बैठे हत्यारोपी मुकेश की आंखों में आंसू थे और लोगों की ओर बेगानी निगाहों से निहार रहा था. पूछताछ पर मुकेश ने बताया कि पूर्व हेड कांस्टेबल रामभूल पक्ष उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहता था और ईंट-भट्ठे को लेकर भी विवाद था.मुकेश और शिवकुमार के पिता की मौत पहले ही हो चुकी है. दोनों के चाचा उनके साथ रहते थे, जिन्हें दोनों भाइयों ने पिता मान लिया था।
मुकेश ने बताया कि जीवन के अंतिम पड़ाव में करीब तीम महीने पहले चाचा ने दोनों भाइयों को अपने पास बुलाया. उन्होंने मुकेश और शिवकुमार को बताया कि एक रंजिश के चलते हम 32 वर्षों से अपनी जमीन, घर और परिवार से अलग हैं. छिप-छिपकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं. चाचा ने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर करते हुए मुकेश और शिवकुमार से कहा कि रामभूल उनका सबसे बड़ा दुश्मन है. गांव जाने से पहले उसकी मौत जरूरी है. जिसके बाद से पिछले 3 महिने से मुकेश, शिवकुमार अपने बहनोई, भांजे और उसके दोस्त के साथ रामभूल की रेकी कर रहे थे. 31 अक्टूबर को मौका मिलते ही उन्होंने रामभूल को गोलियों से भून दिया. वर्तमान में मुकेश और उसका भाई शिवकुमार ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहे थे. मुकेश ने बताया कि मुकदमें और हथियारों की खरीद में जमीन, घर सब कुछ बिक गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बतााय कि मृतक रामभूल का भी आपराधिक इतिहास था। हत्यारोपी पक्ष उसके भय से पिछले 32 सालों से अपने गांव नहीं लौटा था. हत्यारोपितों ने पूछताछ में बताया कि दो दशक बाद रामभूल की हत्या उनके पिता सामान चाचा की अंतिम इच्छा पर की गई है. फिलहाल, दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया हैं।

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खून-खराबे के 30 साल…
बुलंदशहर में रिटायर सीबीआई अधिकारी को बदमाशों ने मारी गोली, रंजिश में अब तक 10 हत्याएं…

UP : बुलंदशहर जिले में एक सीबीआई से सेवानिवृत्त अधिकारी रामभूल सिंह की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या की वजह पुरानी रंजिश बताई जा रही है।सलेमपुर थाना क्षेत्र के भैंसरोली गांव में सोमवार शाम करीब पांच बजे सीबीआई से सेवानिवृत्त अधिकारी रामभूल सिंह की कार सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह वर्तमान में गांव में खेतीबाड़ी संभाल रहे थे। बताया जा रहा है कि भैंसरोली गांव निवासी रामभूलि सिंह सोमवार को दो साथियों के साथ सलेपुर से अपने गांव लौट रहे थे। शाम करीब पांच बजे जब वह गांव के पास चामड़ पर पहुंचे तो एक कार में सवार होकर आए अज्ञात बदमाशों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि रामभूल की हत्या रंजिश के चलते हुई है। बीते करीब 30 वर्षों में इसी रंजिश के चलते रामभूल व दूसरे पक्ष के करीब दस लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं।

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