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Caste System : पूर्व केंद्रीय मंत्री बोलीं- ‘जीरो टॉलरेंस’ अपनाएं

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जाति के आधार पर अत्याचार की घटनाओं के मद्देनजर किसी विशेष शासन या राजनीतिक दल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए क्योंकि यह जाति व्यवस्था को समाप्त करने के मुख्य सवाल से ध्यान हटाता है।

 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने रविवार को जाति व्यवस्था की ‘बीमारी’ को पूरी तरह से खत्म करने और पूर्वाग्रहों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने पर जोर दिया। कुमार की यह टिप्पणी राजस्थान में एक शिक्षक द्वारा पीटे जाने के बाद एक दलित छात्र की मौत पर हंगामे के बीच आई है।

एक इंटरव्यू में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जाति के आधार पर अत्याचार की घटनाओं के मद्देनजर किसी विशेष शासन या राजनीतिक दल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए क्योंकि यह जाति व्यवस्था को समाप्त करने के मुख्य सवाल से ध्यान हटाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जाति व्यवस्था न तो कमजोर हुई है और न ही समाप्त हुई है।

उनकी यह टिप्पणी 20 जुलाई को राजस्थान के जालोर जिले के स्कूल में पानी पीने के बर्तन को छूने पर एक शिक्षक द्वारा इंद्र कुमार (9 वर्षीय छात्र) की पिटाई करने के कुछ दिनों बाद आई है। छात्र की इलाज के के दौरान अहमदाबाद में मौत हो गई थी। इस मामले में आरोपी शिक्षक चैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। स्कूल में दलित छात्र की मौत को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार आलोचनाओं का भारी सामना कर रही है।

यह पूछे जाने पर कि क्या दलित अत्याचार के मोर्चे पर कांग्रेस सरकार की ओर से कोई खामी रही है, कुमार ने कहा, यह एक ऐसी चीज है जो हर कोई मुझसे पूछता है। ऐसा नहीं है कि मैं किसी का बचाव कर रही हूं या किसी पर आरोप लगा रही हूं। मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि हां, राजनीतिक वर्ग कुछ हद तक जिम्मेदार है लेकिन मुद्दा सामाजिक है। राजनीति, समाज का प्रतिबिंब है।

उन्होंने कहा, यह कहना कि इसके लिए यह विशेष शासन जिम्मेदार है, यह विशेष पार्टी जिम्मेदार और यह इस राज्य में हुआ है, ये आंकड़े हैं, अन्य राज्य में आंकड़े अलग हैं क्योंकि वहां की पार्टी अलग है, हमें वास्तव में इस सब में नहीं पड़ना चाहिए। क्योंकि यह मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाता है। कुमार ने कहा कि जब लोग राजनीतिक एंगल के बारे में बात करना शुरू करते हैं तो यह मुद्दे को हल्का कर देता है।

पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने जाति व्यवस्था के उन्मूलन पर आगे बढ़ने के तरीकों पर बात करते हुए कहा सामाजिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। समाज को आगे आना चाहिए। यह धर्म में निहित एक समस्या है, तो धार्मिक नेता क्या कह रहे हैं.. युवो लोग हमेशा बदलाव चाहते हैं, उन्हें आगे आना चाहिए। महिलाएं, वे मां हैं, बच्चे के जन्म के समय से ही बच्चे के रवैये को आकार देने में उनकी प्रमुख भूमिका है।

कांग्रेस नेता ने इसको लेकर जीरो टॉलरेंस अपनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, त्वचा के रंग, आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर पूर्वाग्रह को दूर करने की जरूरत है।

कुमार ने हाल ही में ट्वीट किया था कि 100 साल पहले भी उनके पिता बाबू जगजीवन राम को स्कूल में घड़े से पानी पीने से मना किया गया था।

77 वर्षीय नेता ने आगे कहा, बहुत सारे पूर्वाग्रह हैं। बचपन से ही हमें शुरू करना चाहिए और जीरो टॉलरेंस का नारा होना चाहिए जैसा कि आतंकवाद के लिए हमारे पास जीरो टॉलरेंस है। किसी भी तरह के पूर्वाग्रह के लिए जीरो टॉलरेंस की बात कहते मैंने किसी को यह कहते हुए नहीं सुना है। उन्होंने कहा कि जाति संबंधित अत्याचार आत्मा को पंगु बना देते हैं।