وَأَمَّا الَّذِينَ فَسَقُوا فَمَأْوَاهُمُ النَّارُ كُلَّمَا أَرَادُوا أَنْ يَخْرُجُوا مِنْهَا أُعِيدُوا فِيهَا وَقِيلَ لَهُمْ ذُوقُوا عَذَابَ النَّارِ الَّذِي كُنْتُمْ بِهِ تُكَذِّبُونَ (20) وَلَنُذِيقَنَّهُمْ مِنَ الْعَذَابِ الْأَدْنَى دُونَ الْعَذَابِ الْأَكْبَرِ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُونَ (21) और वे लोग जिन्होंने अवज्ञा की तो उनका ठिकाना आग है। जब भी वे उसमें से निकलना चाहेंगे तो उसी में लौटा दिए […]
धर्म
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-20
وَلَقَدْ آَتَيْنَا لُقْمَانَ الْحِكْمَةَ أَنِ اشْكُرْ لِلَّهِ وَمَنْ يَشْكُرْ فَإِنَّمَا يَشْكُرُ لِنَفْسِهِ وَمَنْ كَفَرَ فَإِنَّ اللَّهَ غَنِيٌّ حَمِيدٌ (12) निश्चय ही हमने लुकमान को तत्वदर्शिता प्रदान की कि ईश्वर की कृतज्ञता प्रकट करो और जो कोई कृतज्ञ रहे वह अपने ही हित में कृतज्ञता दिखाता है। और जो भी अकृतज्ञ रहे (तो इससे ईश्वर को […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-14 : पवित्र क़ुरआन चमकता हुआ सूर्य है जो अपने प्रकाशमयी मार्गदर्शन से अज्ञानता और अंधकार से मुक्ति दिलाता है!
पवित्र क़ुरआन के व्याख्याकारों के अनुसार सूरए तौबा का आरंभ बिस्मिल्लाह से न होकर वचन तोड़ने वाले शत्रुओं से विरक्तता से होना, इस गुट के प्रति ईश्वर के प्रकोप और क्रोध को दर्शाता है। पवित्र क़ुरआन के व्याख्याकारों के अनुसार सूरए तौबा का आरंभ बिस्मिल्लाह से न होकर वचन तोड़ने वाले शत्रुओं से विरक्तता से […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-13 : पवित्र क़ुरआन चमकता हुआ सूर्य है जो अपने प्रकाशमयी मार्गदर्शन से अज्ञानता और अंधकार से मुक्ति दिलाता है!
अनफाल सूरा पवित्र कुरआन का आठवां सूरा है जो पवित्र नगर मदीना में दूसरे हिजरी वर्ष में उतरा और इसमें ७५ आयतें हैं। अनफाल सूरा पवित्र कुरआन का आठवां सूरा है जो पवित्र नगर मदीना में दूसरे हिजरी वर्ष में उतरा और इसमें ७५ आयतें हैं। चूंकि इस सूरे के आरंभ में जन सम्पत्ति और […]
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-19
وَهُوَ الَّذِي يَبْدَأُ الْخَلْقَ ثُمَّ يُعِيدُهُ وَهُوَ أَهْوَنُ عَلَيْهِ وَلَهُ الْمَثَلُ الْأَعْلَى فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ (27) और वही है जो सृष्टि का आरंभ करता है, फिर वही उसे लौटाएगा और उसकी पुनरावृत्ति करेगा। और यह काम उसके लिए अधिक सरल है। आकाशों और धरती में उसी के गुण सर्वोच्च हैं और वह […]
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-18
وَلَا تُجَادِلُوا أَهْلَ الْكِتَابِ إِلَّا بِالَّتِي هِيَ أَحْسَنُ إِلَّا الَّذِينَ ظَلَمُوا مِنْهُمْ وَقُولُوا آَمَنَّا بِالَّذِي أُنْزِلَ إِلَيْنَا وَأُنْزِلَ إِلَيْكُمْ وَإِلَهُنَا وَإِلَهُكُمْ وَاحِدٌ وَنَحْنُ لَهُ مُسْلِمُونَ (46) और (आसमानी) किताब वालों से बस उत्तम शैली में ही बात करो सिवाय उनके जो उनमें अत्याचारी हैं और (उनसे) कहो कि जो चीज़ हम पर और तुम पर […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-12 : पवित्र क़ुरआन चमकता हुआ सूर्य है जो अपने प्रकाशमयी मार्गदर्शन से अज्ञानता और अंधकार से मुक्ति दिलाता है!
इब्ने अब्बास के अनुसार, पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने बद्र युद्ध में मुसलमान लड़ाकों के प्रोत्साहन के लिए इनामों की घोषणा की। इब्ने अब्बास के अनुसार, पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने बद्र युद्ध में मुसलमान लड़ाकों के प्रोत्साहन के लिए इनामों की घोषणा की। इस घोषणा के कारण युवा सैनिकों ने गौरवपूर्ण वीरता के साथ युद्ध किया, […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-11 : पवित्र क़ुरआन चमकता हुआ सूर्य है जो अपने प्रकाशमयी मार्गदर्शन से अज्ञानता और अंधकार से मुक्ति दिलाता है!
सूरए आराफ़ की आयत संख्या 31 और 32 में ईश्वर कहता है। सूरए आराफ़ की आयत संख्या 31 और 32 में ईश्वर कहता है। हे आदम की संतानो! हर मस्जिद के निकट (उपासना के समय) अपनी शोभा को धारण कर लो और खाओ पियो परंतु अपव्यय न करो कि ईश्वर अपव्यय करने वालों को पसंद […]
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-17
وَمَا كُنْتَ تَرْجُو أَنْ يُلْقَى إِلَيْكَ الْكِتَابُ إِلَّا رَحْمَةً مِنْ رَبِّكَ فَلَا تَكُونَنَّ ظَهِيرًا لِلْكَافِرِينَ (86) और (हे पैग़म्बर) आपको इसकी आशा नहीं थी कि यह किताब आपकी ओर भेजी जाएगी। यह आपके पालनहार की दया के अतिरिक्त कुछ नहीं था। अतः आप कभी भी काफ़िरों का सहारा न बनिए। (28:86) وَلَا يَصُدُّنَّكَ عَنْ آَيَاتِ […]
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-16
وَلَقَدْ آَتَيْنَا مُوسَى الْكِتَابَ مِنْ بَعْدِ مَا أَهْلَكْنَا الْقُرُونَ الْأُولَى بَصَائِرَ لِلنَّاسِ وَهُدًى وَرَحْمَةً لَعَلَّهُمْ يَتَذَكَّرُونَ (43) और पिछली जातियों को नष्ट कर देने के पश्चात हमने मूसा को (आसमानी) किताब (तौरैत) प्रदान की जो लोगों के लिए अन्तर्दृष्टि, मार्गदर्शन और दया का साधन थी ताकि शायद वे पाठ सीख लें। (28:43) وَمَا كُنْتَ بِجَانِبِ […]