Syed Yahiya ============= क़यामत की निशानियों में से एक निशानी ये भी है ये दरिया ए फुरात का मंज़र है बताया जा रहा है ये तीन सालों में 80% सूख चुकी है, इस नदी का पानी जब सूख जाएगा और इसमें से सोना निकलेगा । इतना सोना निकलेगा की सोने का पहाड़ बनजाएगा तब क़यामत […]
धर्म
जब कभी लोगों के बीच फ़ैसला करो तो न्याय से फ़ैसला करो, सभी मामलों का अंजाम तो ईश्वर ही के हाथ में है!
इस्लामी शिक्षाओं के नुसार मानवाधिकार के संबंध में क़ानून बनाने का अधिकार सिर्फ़ ईश्वर को है। उसने पैग़म्बर और आसमानी किताबें भेज कर मनुष्य के लिए कुछ नियम, सिद्धांत और क़ानून निर्धारित किए हैं। जिस दिन मनुष्य की रचना की गई उसी दिन से ईश्वर ने उसके सामने आसमानी किताबें रखी हैं ताकि उसके जीवन […]
आसमानों और ज़मीन में कोई भी चीज़ उससे छिपी नहीं है, तुम्हारा पालनहार किसी भी चीज़ को नहीं भूलता!
मानवाधिकार के संबंध में क़ानून बनाने का उचित ज़िम्मेदार इंसान नहीं है। मानवाधिकारों को समझने के लिए सबसे पहले इंसान को पहचानना चाहिए इसके बाद दुनिया और फिर दोनों के बीच संबंध को समझना चाहिए। सवाल यह है कि कौन सा व्यक्ति यह दावा कर सकता है कि उसने इंसान को पूरी तरह समझ लिया […]
इस्लाम धर्म के अनुसार इंसानों को किस प्रकार के अधिकार प्राप्त हैं और कौन इन अधिकारों को निर्धारित करता है?
मानवाधिकार का, मानवीय विचारधारा में बड़ा गहरा अर्थ है। प्राचीन काल से ही दार्शनिकों व विचारकों का मानना था कि मनुष्य के कुछ मूल अधिकार हैं। पश्चिमी दार्शनिकों की दृष्टि से इन अधिकारों का स्रोत मानवीय प्रवृत्ति है और बुद्धि भी इसे स्वीकार करती है। पुनर्जागरण के काल से पहले तक दार्शनिक प्रकृति व बुद्धि […]
पैग़म्बर सअव ने फ़रमाया-क़यामत में कोई भी बंदा उस समय तक कोई क़दम नहीं उठा पाएगा जब तक उससे चार सवाल न पूछ लिए जाएं…
जीवन में कभी कभी मनुष्य को अपनी ज़रूरत पूरी करने के लिए दूसरों से क़र्ज़ लेना पड़ता है और फिर निर्धारित समय में उसे लौटाना होता है। क़र्ज़ लेने वाले हमेशा अधिक समय मांगते हैं जबकि क़र्ज़ देने वाले अपने पैसे वापस चाहते हैं। ऋणी हमेशा, क़र्ज़ देने वालों को यह समझाना चाहते हैं कि […]
पैग़म्बरे इस्लाम (स) का कहना है-मुसलमान का मुस्लिम भाई पर तीस हक़ हैं और यह तीस हक़ निम्नलिखित है
मनुष्य जब अपने धार्मिक बंधुओं से अधिक रुचि व्यक्त करना चाहता है तब वह उसे अपना दोस्त और मित्र कहता है किन्तु इस्लाम ने मुसलमनों की दोस्ती के रिश्ते को इतना ऊपर उठा दिया है कि दो मनुष्यों के बीच सबसे निकट रिश्ता हो गया, इस रिश्ते का आधार बराबरी और समानता है और इस […]
अल्लाह ने इस उम्मत पर दावत-ए-दीन की ज़िम्मेदारी डाली है कुफ़्र के फ़तवे लगाने की नहीं, दिलों के हाल अल्लाह जानता है
Md Shafi Farouqui =========== <काफ़िर और गैर मुस्लिम में क्या फ़र्क है> ✍️ Mohd Gufran . . हमारे यहां इन दोनों अल्फ़ाज़ को एक ही मफ़्हूम में इस्तेमाल किया जाता है जबकि कुरआन काफ़िर का लफ्ज़ एक ख़ास मफ़्हूम में बयान करता है। आप शुरू से आख़िर तक कुरआन पढ़ लें आपको मिलेगा कि कुरआन […]
पूरे ईरान में इमाम सादिक़ की शहादत का शोक मनाया जा रहा है : रिपोर्ट
आज समूचे ईरान में इमाम जाफ़र सादिक़ की शहादत का शोक मनाया जा रहा है। इमाम जाफ़र सादिक़ का जन्म 17 रबीउल अव्वल सन 83 हिजरी कमरी को पवित्र नगर मदीना में हुआ था। इमाम मोहम्मद बाक़िर आपके पिता और उम्मे फरवा आपकी माता थीं। उम्मे फरवा क़ासिम बिन मोहम्मद बिन अबि बक्र की बेटी […]
फ़िलीपींस की टिक टोक स्टार फ़ियोना जेम्स ने दुबई में इस्लाम कुबूल किया : वीडियो
Shama Parveen @ShamaParveen78 फिलीपींस की टिक टोक स्टार फियोना जेम्स ने दुबई में इस्लाम कुबूल किया , अल्लाह तआला फियोना जेम्स को इस्लाम के मुताबिक जिंदगी गुजारने की तौफीक अता फरमाए : आमीन , सूरे बक़रा पवित्र क़ुरआन का दूसरा सूरा है। यह क़ुरआन का सबसे बड़ा सूरा है। सूरे बक़रा में कई विषयों के […]
रमज़ान का पवित्र महीना : ईश्वरीय अनुकंपाओं और बरकतों की वर्षा का महीना : पार्ट-6
एक रिवायत के अनुसार रमज़ान महीने की इसी रात को कुरआन नाज़िल हुआ था। सबसे पहले आज रमज़ान महीने की पढ़ी जाने वाली दुआ और उसका अनुवाद सुनते हैं….. हे पालनहार! आज के दिन की बरकतों में मेरे हिस्से में वृद्धि कर, इसकी नेकियों की तरफ मेरे सफर को प्रशस्त और सरल कर दे, इस […]