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China Scams : ऑनलाइन घोटालों का अड्डा बन गया है चीन

China Scams : चीनी विशेषज्ञों का आरोप है कि आज भी घोटालेबाजों के ज्यादातर गिरोह ताइवान में ही मौजूद हैं। चीन में होने वाले 50 फीसदी तक नुकसान की वजह ताइवानी घोटालेबाज हैं…

चीन मोबाइल फोन या कंप्यूटर के जरिए होने वाली घोटालेबाजी का केंद्र बन गया है। मई 2021 से जुलाई 2022 तक चीन में टेलीकॉम और इंटरनेट धोखाधड़ी के पांच लाख 94 हजार मामले सामने आए। ये जानकारी चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने दी है। इतने बड़े पैमाने पर घोटाले तब हुए, जबकि सिर्फ 2021 में चीनी अधिकारियों ने 15 लाख लोगों को घोटालेबाजों को रकम ट्रांसफर करने से एन वक्त पर बचा लिया था।

चीनी मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक घोटालेबाज आम तौर पर गुट बना कर काम करते हैं। वे ऑनलाइन चैटिंग के जरिए लोगों से संपर्क बना कर उन्हें क्रिप्टोकरेंसी जैसी चीजों में निवेश के लिए लुभाते हैं। ऐसे घोटालों के कारण लोगों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। शिकार बने लोगों में अनेक ने आत्महत्या कर ली। विशेषज्ञों ने कहा है कि मोबाइल सिम कार्ड किसे बेचा जाए, इस बारे में ठोस सुरक्षा उपाय न होना ऐसे घोटालों का एक प्रमुख कारण है। इस कारण विक्रेता बिना पहचान पत्र लिए सिम बेच देते हैं।

ऐसी घटनाओं से हजारों लोगों के परेशान होने के बाद अब जाकर चीन सरकार की नींद टूटी है। उसने इस महीने टेलीकॉम और ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए एक कानून पारित किया है। कानून अगले एक दिसंबर से लागू होगा। इस कानून के जरिए घोटालेबाजों का पता लगाने के दौरान अधिकारियों को टेलीकॉम कंपनियों और बैंकों से पूरी जानकारी हासिल करने का अधिकार दिया गया है। अधिकारी घोटालेबाजों के विदेशी जुड़ाव की भी जांच कर सकेंगे।

वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम घोटालों की शुरुआत 1990 के दशक में ताइवान में हुई थी। उसके तहत घोटालेबाज ऑनलाइन कार्ड स्क्रैच करने की फर्जी स्कीम चलाते थे। उसमें विजयी होने वालों को कहा जाता था कि उन्हें इनाम की रकम पाने के पहले उस पर बनने वाला टैक्स चुकाना होगा। इस तरह हजारों को लोगों को चूना लगाया गया। लेकिन ताइवान के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने जल्द ही इस फ्रॉड पर नियंत्रण पा लिया। जबकि चीन के अधिकारी अभी भी ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक वहां 2006 से 2016 के बीच टेलीकॉम घोटालों में सालाना 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई। चीनी विशेषज्ञों का आरोप है कि आज भी घोटालेबाजों के ज्यादातर गिरोह ताइवान में ही मौजूद हैं। चीन में होने वाले 50 फीसदी तक नुकसान की वजह ताइवानी घोटालेबाज हैं। विशेषज्ञ शिए लिंग ने निक्कई एशिया को आरोप लगाया कि ताइवानी अधिकारी घोटालेबाजों के प्रति नरम रवैया अपनाते हैं। मलेशिया ने ऐसे 20 संदिग्धों को वापस ताइवान लौटाया था, लेकिन वहां उन्हें रिहा कर दिया गया।

अधिकारियों ने कहा है कि कोविड-19 महामारी आने के बाद से टेलीकॉम घोटालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उनके मुताबिक इसकी वजह लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ना है। दूसरी तरफ महामारी के दिनों में पुलिस के लिए कार्रवाई करना भी मुश्किल हो गया था। लेकिन अब चीनी अधिकारी अपनी कार्रवाई तेज करने की रणनीति बना रहे हैं। 2020 में ऐसे घोटालों में शामिल होने के आरोप में देश में तीन लाख 61 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।