सेहत

#Covid-19 ने भारत में भी लोगों के लिए चिंता बढ़ा दी है, क्या #लॉकडाउन लगाने की ज़रूरत होगी?

चीन-जापान सहित दुनिया के कुछ देशों में जिस तरह से कोरोना का विस्फोट देखा जा रहा है, उसने भारत में भी लोगों के लिए चिंता बढ़ा दी है। इन देशों में कोरोना के जिस BF.7 वैरिएंट के कारण हालात बिगड़े हैं उसके मामले की भारत में भी पुष्टि की गई है। फिलहाल यहां स्थिति काफी नियंत्रित है, पिछले 24 घंटे में देश में 185 लोगों को संक्रमित पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहने की अपील की है।

देश में कोरोना की स्थिति और इससे संबंधित पहलुओं की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार दोपहर को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।

दुनिया के कई देशों में बिगड़ती स्थिति के चलते भारत में भी लोगों में डर देखा जा रहा है। लोगों के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, क्या देश कोरोना की एक और लहर की तरफ बढ़ रहा है? क्या फिर से लॉकडाउन जैसी स्थिति हो सकती है? आइए विशेषज्ञों से इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों से लगातार बचाव के उपायों का पालन करने की अपील कर रहे हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनिल गोयल कहते हैं, कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए परीक्षण, उपचार और मामलों की ट्रैकिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। व्यक्तिगत रूप से सभी लोगों को सतर्क रहना होगा, भले ही आपका वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है। चीन के मुकाबले भारत के लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक मजबूत है, यहां 95 फीसदी लोगों का टीकाकरण भी हो चुका है। हमने सावधानी बरत ली तो देश में लॉकडाउन की स्थिति नहीं होगी।

प्रिया यादव
@yadav4priya

#Coronavirus in Japan Not only in #China , now cases of people infected with #corona virus have started increasing in Japan as well. There has been an increase in daily #COVID cases in #Japan and the figure of one-day #Omicron corona infection has crossed 2 lakhs. #chinacovid

Ad@123
@AnkitaPhatanga1

Indian Medical Association released advisory to fight with COVID.We must follow it !

मुंबई स्थित जेजे हॉस्पिटल में डीन डॉ. पल्लवी सपले कहती हैं, चीन सहित अन्य देशों में कोविड-19 के मामलों में देखी जा रही वृद्धि के लिए वैक्सीनेशन में कमी, अच्छी गुणवत्ता वाली वैक्सीन न होने जैसे कारण प्रमुख रूप से देखे जा रहे हैं। भारत में इस संबंध में चिंता की बात नहीं है, यहां लोगों का टीकाकरण भी हो चुका है और हालात भी काबू में है। फिर भी सर्तकता बरतने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

अगर एक भी मामला है तो यह फैल सकता है। सरकार ने हर नमूने की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का निर्देश दिया है। जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है वह तुंरत करा लें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, डायबिटीज-हृदय रोगी अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें।

बातचीत में इंटेंसिव केयर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ विक्रमजीत सिंह (आकाश हेल्थकेयर, दिल्ली) कहते हैं, कोराना के नए वैरिएंट्स में इम्युनिटी स्केप की क्षमता देखी जा रही है, ऐसे में यह वैक्सीनेटेड लोगों को भी संक्रमित कर सकती है। हालांकि ऐसे लोगों में संक्रमण की स्थिति में गंभीर रोग का खतरा नहीं होता है। इसलिए भले ही आपका वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है, मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे आवश्यक उपायों का पालन करते रहना बहुत जरूरी है। आपमें संक्रमण की स्थिति परिवार में कमजोर प्रतिरक्षा वाले या बच्चों-बुजुर्गों के लिए समस्याएं बढ़ा सकती है।

कई देशों में कोविड मामलों में अचानक वृद्धि को देखते हुए, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सभी लोगों से तत्काल प्रभाव से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करने की अपील की है। इन बातों का सख्ती से पालन करें।
सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाकर रखें।
सोशल डिस्टेंसिंग सभी के लिए बहुत जरूरी है।
हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें, सेनेटाइजर का प्रयोग करें।
भीड़-भाड़ वाली जगह जैसे शादी, राजनीतिक-सामाजिक रैलियों में जाने से बचें।
अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को फिलहाल टाल दें।
सांस लेने, खांसी, गले में खराश या लूज मोशन की दिक्कत कुछ समय तक बनी रहती है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
वैक्सीनेशन जरूर कराएं। योग्य हैं तो बूस्टर डोज लगवाएं।
सरकार द्वारा समय-समय पर सुझाए जा रहे बचाव के तरीकों का सख्ती से पालन करते रहें।

बच्चों में बढ़े मौत के मामले, आवश्यक दवाइयों की किल्लत, चीन के साथ जापान में भी बिगड़े हालात

कोरोना का खतरा एक बार फिर से वैश्विक स्तर पर सिर उठाता हुआ दिख रहा है। चीन में हालात काफी गंभीर हो गए हैं, यहां संक्रमितों और मृतकों दोनों की संख्या बढ़ी है। चीन के अलावा जापान और यूएस में भी कोरोना विस्फोट की खबरें हैं। जापान में कोरोना से संक्रमित कई बच्चों की मौत हो गई है। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यहां भी ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही कहर देखा जा रहा है। हालिया मामलों के सर्वेक्षण में पाया गया है कि COVID-19 से मरने वाले लगभग आधे शिशुओं-बच्चों को पहले से कोई बीमारी नहीं थी, इस आधार पर विशेषज्ञों का कहना है कि नए वैरिएंट्स जानलेवा समस्याओं का भी कारण बन सकते हैं, इसको लेकर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। चीन में पैरासिटामोल जैसी आवश्यक दवाइयों तक की कमी हो गई है।

चीन-जापान के अलावा अमेरिका में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक महामारी की शुरुआत से अब तक अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की कुछ संख्या 100 मिलियन को पार कर गई है। अमेरिका में फिलहाल कोरोना के 70 फीसदी मामलों के लिए ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट्स के ही प्रमुख कारण माना जा रहा है।

अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से चीन में संक्रमण के मामले बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं, यह पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता का कारण हो सकता है, सभी को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

चीन में पैरासिटामोल की किल्लत
कोरोना के कारण बिगड़ते हालात के बीच चीन के शहर ताइवान में बुखार-जुकाम में इस्तेमाल की जाने वाली दवा पैरासिटामोल की कमी हो गई है। चीनी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते जोखिमों को देखते हुए लोगों ने भारी मात्रा में दवाओं को स्टॉक करना शुरू कर दिया था, नतीजतन अब मेडिकल स्टोर्स में इसकी कमी हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने जनता से दवाओं को स्टॉक न करने की अपील की है।

स्वास्थ्य मंत्री सुएह जुई-युआन को कहा, यह सच है कि पूरे ताइवान में पैरासिटामोल की मांग काफी बढ़ गई है। हम आपूर्ति और मांग की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। मांग में आई अचानक वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

चीन के हालात को लेकर डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता
चीन में कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़े हालात को लेकर बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चिंता जताते हुए बचाव के सभी आवश्यक उपाय करने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा- चीन को वैक्सीनेशन की दर बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके अलावा सभी लोगों को व्यक्तिगत तौर पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहना चाहिए।

इस बीच चीन सरकार ने कोरोना की इस लहर में अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि की है, हालांकि एजेंसियों का आरोप है कि चीनी सरकार आंकड़ों को छिपा रही है, मृतकों का संख्या काफी अधिक है।

जापान: बच्चों में देखी जा रही है अधिक मृत्युदर
इधर, जापान से कोरोना संक्रमण के मिल रहे आंकड़े डराने वाले हैं, यहां संक्रमण, बच्चों के लिए समस्या बढ़ाता हुआ देखा जा रहा है। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार से पहले पिछले साल के अंत में 20 वर्ष से कम आयु में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या मात्र तीन थी, हालांकि इस साल के पहले आठ महीनों में यह आंकड़ा बढ़कर 41 हो गया। यहां ओमिक्रॉन संक्रमण बच्चों के लिए मुश्किलें बढ़ाता देखा जा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बच्चों के साथ खतरा उन लोगों के लिए भी बना हुआ है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है या फिर वैक्सीनेशन नहीं हुआ है।

नेजल वैक्सीन हो सकती है कारगर

कोरोना के बढ़ते जोखिमों के बीच यूएस वैज्ञानिकों ने एक हालिया अध्ययन के आधार पर बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए नेजल वैक्सीन अधिक प्रभावी हो सकती है। अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 संक्रमण के नौ महीने बाद नाक में बनने वाले एंटीबॉडी कम हो जाते हैं, जबकि रक्त में मौजूद एंटीबॉडीज कम से कम एक साल रह सकते हैं।

नेजल वैक्सीन में मौजूद एंडीबॉडीज इम्युनोग्लोबुलिन A या IgA, कोरोना वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही निष्क्रिय कर देती है जिससे रोग विकसित होने का जोखिम कम हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के टीकों को बढ़ावा देकर संक्रमण के प्रसार और गंभीरता को कम किया जा सकता है।

नए वैरिएंट्स के लक्षणों और जोखिम के बारे में जानिए

चीन सहित अन्य देशों में बढ़े कोरोना के मामलों के लिए ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BF.7 को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसको लेकर हुए अध्ययनों में फिलहाल किसी नए लक्षण के बारे में पता नहीं चला है। संक्रमितों में बुखार, खांसी, थकान, नाक बहने और गले में खराश जैसै पुराने लक्षण ही देखे जा रहे हैं। यह नया वैरिएंट अधिक संक्रामकता दर वाला जरूर देखा जा रहा है, जो आसानी से उन लोगों में भी संक्रमण के जोखिम को बढ़ा रहा है जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है।

 

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। तीसरी जंग हिंदी लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

मूल लेख : अमर उजाला से प्राप्त है

 

हवाई यात्रियों के लिए RT-PCR संबंधी फॉर्म अनिवार्य करने की तैयारी, कोरोना को लेकर सरकार अलर्ट

चीन समेत अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। इसके मद्दनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय यात्रा से 72 घंटे पहले की गई आरटी-पीसीआर जांच की जानकारी भरने से जुड़े एयर सुविधा फॉर्म को फिर से अनिवार्य करने की तैयारी कर रहा है। यह नियम चीन और अन्य देशों (जहां कोरोन के मामले बढ़ रहे हैं) से आने वाले यात्रियों पर लागू होंगे। फॉर्म में कोरोना जांच रिपोर्ट के साथ पूर्ण टीकाकरण प्रमाण की जानकारी भी भरनी होगी।

दरअसल, चीन और कुछ अन्य देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि के मद्देनजर देश में कोविड की स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक हुई थी। इसके बाद सूत्रों ने बताया था कि दुनिया के कुछ हिस्सों में मामलों में हाल में हुई वृद्धि के कारण चीन और अन्य देशों से आने वाले यात्रियों के लिए हवाई अड्डों पर यात्रियों की रैंडम जांच की जाएगी।

अब बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय यात्रा से 72 घंटे पहले की गई आरटी-पीसीआर जांच के विवरण या चीन और अन्य देशों से आने वाले यात्रियों के लिए पूर्ण टीकाकरण प्रमाण की जानकारी देने संबंधी एयर सुविधा फॉर्म को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। कुछ सप्ताह तक स्थिति पर नजर रखने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधित लोगों को सजग रहने और निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। मंडाविया ने बताया था कि हमने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विदेश से भारत आने वाले लोगों की रैंडम आरटीपीसीआर जांच करना शुरू कर दिया है। हम महामारी से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उचित कदम उठा रहे हैं।