देश

ED भाजपा का फ़्रंटल संगठन है, ED जाँच एजेंसी के रूप में काम नहीं कर रही है ये एक ”गिरोह” बन चुकी है : Video

 

Munmun Sahani
@MunmunSahani
मेरे ख़िलाफ़ लोगों ने साजिश रची थी, मुझे जो भुगतना था, वह मैं भुगत चुका हूं : संजय राउत

संजय राउत का मामला पहला मौका नहीं जिसमें ईडी अदालत के निशाने पर आयी हो

मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) शिवसेना सांसद संजय राउत को जमानत मंजूर करते हुए उनकी गिरफ्तारी को ‘‘अवैध, अकारण और शिकार बनाने का कृत्य’’ करार देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की खिंचाई करने वाले विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने धनशोधन के मामले में ईडी के दृष्टिकोण को लेकर इस साल कई मौकों पर उसकी खिंचाई की थी।.

विशेष अदालत के न्यायाधीश देशपांडे ने बुधवार को राज्यसभा सदस्य राउत को जमानत देते हुए कहा था कि जांच एजेंसी एक आरोपी को गिरफ्तार करने और हिरासत की मांग करते समय ‘‘असाधारण’’ तेजी दिखाती है, लेकिन एक बार जब आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है, तो ‘ईडी की यह तेजी’ खत्म हो जाती है।.

Bolta Hindustan
@BoltaHindustan

‘संजय राउत की गिरफ़्तारी से साबित होता है कि ED जाँच एजेंसी के रुप में काम नहीं कर रही है। यह एक गिरोह बन चुकी है’ : रवीश कुमार

ANI_HindiNews
@AHindinews

जिन लोगों ने ये साजिश रची थी, अगर उनको आनंद मिला होगा तो मैं इसमें उनका सहभागी हूं। मेरे मन में किसी के लिए कोई शिकायत नहीं है। मैं पूरी व्यवस्था को या फिर किसी केंद्रीय एजेंसी को दोष नहीं दूंगा। महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है…: शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत,मुंबई

Archana Singh
@BPPDELNP

संजय राउत पर कोर्ट के फ़ैसले नेआज #ED के ग़ैरक़ानूनी काम और मोदी-शाह की #गुंडागर्दी को #एक्सपोज़ कर दियाहै
मोदी,शाह,ED वग़ैरह को एक बात याद रखनी चाहिए!
आज जो #साहिब_ए_मसनद है वो कल नही रहने वाले हैं हुकूमत नही रहेगी तो सब घसीटे जाएंगे
ख़ुदके परिवार का बुरा होगा तो बहुत दर्द होगा?

Pappu Yadav
@pappuyadavjapl
संजय राउत जी का मामला उदाहरण है
ED भाजपा का फ़्रंटल संगठन है!

अवैध तरीक़े से गिरफ़्तार कर उन्हें जेल में
क़ैद रखना दर्शाता है कि देश में संगठित
आपराधिक गिरोह का शासन चल रहा है।

santosh gupta
@BhootSantosh

अगर अदालत को लगता है कि संजय राउत को ED ने गलत फंसाया है, तो कुछ अफसरों को भी जेल भेजना चाहिए.! अफसर अपनी सफाई पेश करें, कि राउत को फंसाने के लिए किस नेता ने आदेश दिया था.?

खाली फोकट निंदा करने से क्या होगा.?

डिस्क्लेमर : ट्वीट्स में व्यक्त विचार लोगों के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है