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Election Freebies : चुनावी खैरात को सुप्रीम कोर्ट ने माना गंभीर मुद्दा, कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की आगे सुनवाई की, लेकिन साफ कहा कि वह आज फैसला नहीं सुनाएगी। सभी पक्षों के सुझावों पर विचार करेगी, इसके बाद ही फैसला दिया जाएगा। मामले में 17 अगस्त को आगे सुनवाई होगी।

चुनावों के वक्त मुफ्त में चीजें देने के राजनीतिक दलों के वादों और मुफ्त बिजली व पानी वितरण (freebies) को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर मुद्दा माना है। शीर्ष कोर्ट के दो जजों की पीठ ने आज करीब 20 मिनट तक इसे चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। याचिका में चुनावी खैरात पर पाबंदी की मांग करते हुए इस पर विचार करने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की आगे सुनवाई की, लेकिन साफ कहा कि वह आज फैसला नहीं सुनाएगी। सभी पक्षों के सुझावों पर विचार करेगी, इसके बाद ही फैसला दिया जाएगा। मामले में 17 अगस्त को आगे सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दलों द्वारा मुफ्त में चीजें व सेवाएं देने का वादा करना और वितरित करना गंभीर मसला है। यह पैसा बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च किया जाना चाहिए। पैसे गंवाना और लोगों की भलाई के कामों में संतुलन होना चाहिए। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से अपने सुझाव देने को कहा।

आप ने दी यह दलील
आम आदमी पार्टी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले में विशेषज्ञ समिति के गठन को गैर जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं और मुफ्त में चीजें देने में अंतर है।