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foxconn और वेदांता की सेमीकंडक्टर फैक्ट्री बनाने की डील क्यों टूटी, भारत का सेमीकंडक्टर केंद्र बनने का सपना पूरा होगा या नहीं : रिपोर्ट

फॉक्सकॉन और वेदांता की सेमीकंडक्टर फैक्ट्री बनाने की डील के टूटने से एक महत्वाकांक्षी योजना का अंत हो गया है. अब देखना यह होगा कि इसके बावजूद किसी और रास्ते से भारत का सेमीकंडक्टर केंद्र बनने का सपना पूरा होगा या नहीं.

जब से होन हाई टेक्नोलॉजी समूह (फॉक्सकॉन) ने वेदांता के साथ सेमीकंडक्टर बनाने के अपने ज्वाइंट वेंचर (जेवी) के रद्द होने का ऐलान किया है तब से सवाल उठ रहे हैं कि इतनी महत्वपूर्ण योजना आखिर असफल क्यों हो गई.

जेवी का नाम फॉक्सकॉन वेदांता सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड (वीएफएसएल) है. भारत को सेमीकंडक्टर का वैश्विक केंद्र बनाना एक महत्वाकांक्षी सपना है जिसकी असलियत में तब्दील होने की नींव इस योजना की बदौलत रखी जानी थी.

क्यों टूटी डील
ऐसे में यह समझना जरूरी है कि डील क्यों टूटी, ताकि यह समझा जा सके कि वह सपना अभी भी जीवित है या नहीं. एक नजर फॉक्सकॉन के बयान पर डालिए.

ताइवानी कंपनी का कहना है, “फॉक्सकॉन इस कंपनी से अपना नाम हटा रही है जिस पर अब पूरी तरह से वेदांता का मालिकाना हक हो चुका है. फॉक्सकॉन का इस कंपनी से कोई संबंध नहीं है और इसका शुरुआती नाम बरकरार रखने से भविष्य के हिस्सेदारों को भ्रम हो जाएगा.”

फॉक्सकॉन ने यह भी कहा कि यह एक लाभदायक अनुभव रहा जिससे दोनों कंपनियों को भविष्य के लिए मजबूती मिली है. ताइवानी कंपनी ने यह भी कहा कि दोनों कंपनियों के बीच आपसी समझौता हुआ है कि दोनों अब और ज्यादा विविध विकास के अवसर तलाशेंगी, और इसलिए फॉक्सकॉन इस जेवी पर आगे नहीं बढ़ेगी.

इसमें यह बात दिलचस्प है कि जिसे आज तक भारत और ताइवान की दो दिग्गज कंपनियां का ज्वाइंट वेंचर समझा जा रहा था वो अब सिर्फ वेदांता की कंपनी बन कर रह गया है. दरअसल, फॉक्सकॉन की घोषणा से ठीक पहले सात जुलाई को वेदांता ने एक बयान में कहा था कि वो अपनी होल्डिंग कंपनी से इस जेवी का मालिकाना हक लेने जा रही है.

सरकार को थी खबर
जेवी अभी तक वेदांता समूह की ही एक कंपनी ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी थी. शायद इसकी असफलता का संकेत इस बात में भी था कि भारत सरकार ने अभी तक इस जेवी की फैक्ट्री बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी.

एक अज्ञात सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि सरकार को पता था कि जेवी ठीक नहीं चल रहा है और यह भी कि कंपनियों में कुछ मतभेद थे. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कुछ महीने पहले ही यह साफ हो गया था कि फॉक्सकॉन जेवी से निकलने वाली है.

मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा रहा है कि डील के टूटने का एक महत्वपूर्ण कारण वेदांता की वित्तीय हालत थी. रिपोर्टों के मुताबिक कंपनी काफी कर्ज में डूबी हुई है जिसकी वजह से वो सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए आवश्यक तकनीक को खरीदने के लिए संसाधन नहीं जुटा पा रही थी.

हालांकि वेदांता ने अपने बयान में कहा है कि उसने इस फैक्ट्री को बनाने के लिए दूसरे पार्टनर तैयार कर लिए हैं और उसके पास एक जानी मानी इंटीग्रेटेड उपकरण बनाने वाली कंपनी से 40 एनएम के सेमीकंडक्टर बनाने की टेक्नोलॉजी का लाइसेंस भी है.

ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि भारत सरकार ने फॉक्सकॉन से अलग से संपर्क बनाया हुआ है और वह उसे स्वतंत्र रूप से सेमीकंडक्टर बनाने की फैक्ट्री बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इन रिपोर्टों पर सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बयान दिया है.

क्या भारत बना पाएगा सेमीकंडक्टर?
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि वैसे तो दो कंपनियां कैसे साझेदारी में प्रवेश करती हैं या निकल जाती हैं इससे सरकार का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन सरल शब्दों में इसका मतलब है कि दोनों कंपनियां उपयुक्त टेक्नोलॉजी पार्टनरों के साथ भारत में अपनी अपनी रणनीतियों पर स्वतंत्र रूप से काम कर सकेंगी.

उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की वीएफएसएल के जरिए वेदांता ने हाल ही में 40 एनएम के सेमीकंडक्टर बनाने के लिए एक फैक्ट्री बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसका सरकार मूल्यांकन कर रही है.

Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳
@Rajeev_GoI
➡️This decision of Foxconn to withdraw from its JV wth Vedanta has no impact on India’s #Semiconductor Fab goals. None.

➡️Both Foxconn n Vedanta have significant investments in India and are valued investors who are creating jobs n growth.

➡️It was well known that both companies had no prior semicon experience or Technology and were expected to source Fab tech from a Tech partner.

➡️While their JV VFSL had originally submitted a proposal for 28nm fab, they could not source appropriate Tech partner for that proposal.

➡️Vedanta thru VFSL has recently submitted a 40nm fab proposal backed by Tech licensing agreement from a Global Semicon major – which is currently being evaluated by
@Semicon_India
Tech Advisory group.

➡️Its not for govt to get into why or how two private companies choose to partner or choose not to, but in simple terms it means both companies can & will now pursue their strategies in India independently, and wth appropriate technology partners in Semicon n Electronics

➡️India’s strategy of catalyzing Semiconductor Ecosystem has seen rapid progress in the 18 months since PM
@narendramodi
ji approved Indias Semicon strategy n policy.

➡️ To those editorializing abt this decision of Foxconn/Vedanta being a “blow” to Indias Semicon ambition , I can only say its a bad idea to bet against India under PM Modi 😁🤷‍♂️

India is just getting started…🇮🇳

Forbes India
@ForbesIndia
#Foxconn has pulled the plug on the $19.5 billion joint venture with #Vedanta to manufacture semiconductor chips in India. For now, it seems as though Anil Agarwal-led company will have to set the ball rolling alone

कारण जो भी हो यह साफ है कि सेमीकंडक्टर का वैश्विक केंद्र बनने के भारत के सपने को झटका जरूर लगा है. इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा है कि देश में सेमीकंडक्टर उत्पादन शुरू करने की दूसरी योजनाएं भी आगे नहीं बढ़ पाई हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सिंगापुर की कंपनी आइजीएसएस वेंचर ने भी एक प्रस्ताव रखा था लेकिन सरकार की सलाहकार समिति को वह ठीक नहीं लगा और उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

इसके अलावा अबू धाबी की कंपनी नेक्स्ट ऑर्बिट और इस्राएली कंपनी टावर सेमीकंडक्टर के जेवी आईएसएमसी ने भी एक प्रस्ताव दिया था लेकिन उसने अब खुद ही भारत सरकार से कहा है कि वो उस प्रस्ताव पर विचार ना करे.

आईएसएमसी ने कहा है कि टावर सेमीकंडक्टर और अमेरिकी कंपनी इंटेल के विलय की घोषणा हुई थी लेकिन यह विलय अब लंबित पड़ा है, लिहाजा इस प्रस्ताव पर अभी आगे नहीं बढ़ा जा सकता. विलय की घोषणा हुए एक साल बीत चुका है.

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चारु कार्तिकेय

Supriya Shrinate
@SupriyaShrinate
▪️भारत में निवेश और ख़ासतौर से सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए बुरी खबर है। सितंबर 2022 में बड़े गाजे बाजे के साथ Foxconn और वेदान्ता के 19.5 अरब डालर के सेमीकंडक्टर निवेश की घोषणा हुई थी – अब यह करार टूट गया है – कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है

▪️ताईवान की बड़ी कंपनी है – Foxconn जिसने आज हिंदुस्तान की वेदांता के साथ 19.5 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट की पार्टनरशिप तोड़ दी।

▪️यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से चुरा कर, गुजरात चुनाव से पहले वहाँ लाया गया था। इस प्रोजेक्ट से लगभग 1 लाख नौकरियाँ बनने वालीं थीं। इस प्रोजेक्ट के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री ने सारा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को ही दिया था – अब करार टूट जाने पर किसके ऊपर दोषारोपण करेंगे?

▪️अभी कुछ ही दिनों पहले पता चला था कि माइक्रॉन नामक कंपनी के तथाकथित सेमीकंडक्टर निवेश में 70% पैसा तो सरकार ही डाल रही है. आख़िर भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र की यह ख़स्ताहाल हालत क्यों है? मोदी जी का बड़बोलापन या ग़लत नीतियाँ या निवेशकों का अविश्वास?

Sachin Sawant सचिन सावंत
@sachin_inc
गुजरात चुनाव तक #Foxconn
अब Fox- कौन? 2015 से भाजपा जनता को गुमराह कर रही हैं। महाराष्ट्र में फडणवीसजी $५ bn का निवेश फॉक्सकॉन करेगी बता रहे थे। हमने तब और अभी वेदान्ता फॉक्सकॉन एवं ढोलेरा के बारे में सवाल पूछे। अब यह और एक चुनावी जुमला बनकर मोदीजी के कारनामोंमें शामिल हुआ है।

Nirmal Sharma
@Nirmal806244783
सितंबर 2022 में बड़े गाजे-बाजे के साथ फॉक्सकॉन और वेदान्ता के बीच हुआ 19.5 अरब डालर के सेमीकंडक्टर निवेश का करार टूट गया है

मोदी जी इस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र से चुराकर गुजरात ले गए थे।

मतलब साफ है- मोदीजी जा रहे हैं। अच्छे दिन आ रहे हैं

CMO Gujarat
@CMOGuj
Sep 13, 2022
I am happy to announce that #Gujarat has taken a lead in realizing Hon’ble PM Shri @narendramodi ji’s vision to create an #AatmanirbharBharat in semiconductor manufacturing through an MoU worth ₹1.54 lakh crore with Vedanta-Foxconn Group : CM Shri @Bhupendrapbjp