दुनिया

फ़्रांस की पांचवीं अशांत रात, फ्रांस में भड़की हिंसा की आग बेल्जियम तक पहुंची, हालात क़ाबू करने के लिए उतारे 45 हजार पुलिसकर्मी : रिपोर्ट

फ्रांस में हिंसा और लूटपाट का तांडव लगातार चौथी रात भी जारी रहा. भारी संख्या में पुलिस की तैनाती और हजारों लोगों की गिरफ्तारी भी लूटपाट और दंगों पर नियंत्रण नहीं कर सकी.

ट्रैफिक स्टॉप पर पुलिस की गोली से मरे किशोर नाहेल का शनिवार को अंतिम संस्कार हुआ. इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीचझड़पों का सिलसिला जारी है. इन दंगों में पुलिस के 79 लोग घायल हुए हैं. राजधानी पेरिस और दूसरे इलाकों में 45,000 पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं, उनके साथ हल्की बख्तरबंद गाड़ियां भी भेजी गई हैं.

सरकार का कहना है कि पिछली रातों के मुकाबले शुक्रवार को हिंसा में थोड़ी “कमी आई” है. सिर्फ शुक्रवार की रात ही 1,311 लोगों को हिरासत में लिया गया. इससे पहले किसी भी रात इतनी बड़ी संख्या में लोगों को पकड़ने की नौबत नहीं आई थी. अब तक कुल 2400 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

हिंसा और भारी नुकसान

मंगलवार को पेरिस के उपनगर नॉन्ते में किशोर की मौत के बाद से ही फ्रांस के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. नाराज लोगों ने कई सरकारी इमारतों को भी आग लगा दी है. शनिवार को सरकार के तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1350 गाड़ियों और 234 इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया है. सार्वजनिक जगहों पर आग लगाने की 2,560 घटनाएं हुई हैं.

पुलिस मर्साय, ल्योन और ग्रेनोब्ले में लूटपाट को रोकने में नाकाम रही. दंगाइयों ने यहां की दुकानों में खूब लूटपाट मचाई. पेरिस और उसके उपनगरों में बारिश के बावजूद दंगा जारी रहा. केवल राजधानी और उसके आसपास के इलाके में भी 406 लोगों को हिरासत में लिया गया. हालांकि गृह मंत्री जेराल्ड दारमना ने पेरिस के पश्चिम में मउत ला जोली का दौरा करने के बाद कहा कि शनिवार को हिंसा की तीव्रता में कमी आई है. दारमना ने पुलिस और फ्रेंच पुलिस की विशेष इकाई जोंदार्म की “असाधारण” तैनाती के आदेश दिये हैं.

दंगों और अशांति का केंद्र रहे नॉन्ते के वीयू पोन इलाके के प्रवेश द्वार के पास पुलिस की दर्जनों वैन खड़ी की गई हैं. यहां 9 लोगों को मोलोतोव कॉकटेल और पेट्रोल के कनस्तरों के साथ गिरफ्तार किया गया.

शांति की कोशिशें

फ्रांस की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम समेत तमाम बड़े नेता और संगठनों ने लोगों से अशांति बंद करने की अपील की है. राष्ट्रीय टीम के कप्तान किलियन एम्बापे ने सोशल मीडिया पर जारी संदेश में कहा है, “हिंसा के इस दौर में शोक, बातचीत और पुनर्संरचना को जरूर मार्ग दिया जाना चाहिए.” इसी तरह के संदेश दूसरे खिलाड़ियों ने भी जारी किए हैं.

राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने हफ्ते की शुरुआत में दक्षिणी बंदरगाह शहर मर्साय का दौरा किया था. यहां के कम आय वाले इलाकों की लंबे समय से अनदेखी होती रही है. यहां एक बार फिर जम के हिंसा और लूटपाट हो रही है. मर्साय पुलिस का कहना है कि दंगाई और लुटेरे युवा हैं जो अकसर मास्क पहने होते हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक सुपरमार्केट में दंगाइयों की वजह से बड़ी आग लगी थी. मर्साय के मेयर ने केंद्र सरकार से सुरक्षा बलों की मांग की है.

लूटपाट और पुलिस से झड़प की घटनाएं ग्रोनोबल, सांत इतियेना और लियोन में भी हुई हैं. शुक्रवार को कई जगहों पर बसों और ट्रैम में तोड़फोड़ के बाद रात 9 बजे इनका संचालन बंद कर दिया गया. बड़े पटाखों और ज्वलनशील तरल की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.

प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने पूरे देश में बड़े कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है. इनमें से मशहूर गायक मिलेन फार्मर के सप्ताहांत में दो कंसर्ट भी शामिल हैं. शनिवार को प्रमुख विभागों के मंत्रियों की एक आपातकालीन बैठक हुई जिसमें शांति बहाली के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा हुई. कैबिनेट मंत्रियों को सप्ताहांत में पेरिस से बाहर नहीं जाने के लिए कहा गया है.

 

 

हिंसा पर नाराजगी

किशोर की मौत के बाद पूरे देश में नाराजगी की लहर दौड़ी लेकिन अब लूटपाट और हिंसा की वजह से सहानुभूति कम हो रही है. फ्रेंच राष्ट्रपति माक्रों ने पहले किशोर की मौत को “माफी लायक नहीं” कह कर उसकी निंदा की थी.

राष्ट्रपति ने अब हिंसा और लूटपाट की आलोचना में कहा है, “एक नाबालिग की मौत का दुरुपयोग अस्वीकार्य है.” इसके साथ ही उन्होंने हिंसा पर लगाम लगाने के लिए सोशल नेटवर्कों के साथ मिल कर काम करने की बात कही है. माक्रों ने हिंसा कर रहे नाबालिगों के मां-बाप से भी उनकी जिम्मेदारी लेने को कहा है. सरकार के मुताबिक, हिंसा करने वालों में एक तिहाई संख्या नाबालिगों की है.

फ्रेंच राष्ट्रपति को इस हिंसा की वजह से ब्रसेल्स में चल रही यूरोपीय संघ की जरूरी बैठक बीच में छोड़ कर फ्रांस लौटना पड़ा. उन्होंने इसी वजह से जर्मनी का अहम दौरा भी रद्द कर दिया है.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यलाय ने शुक्रवार को कहा कि एक उत्तर अफ्रीकी मूल के किशोर की हत्या , “एक ऐसा लम्हा है जब देश को कानून व्यवस्था में नस्लवाद और नस्ली भेदभाव के गहरे मुद्दों को गंभीरता से सुलझाना होगा.”

इस अशांति पर देश के बाहर भी चिंता जताई जा रही है. इसी साल देश में रग्बी का वर्ल्डकप और 2024 में ओलंपिक खेलों का आयोजन होना है. ब्रिटेन और कई दूसरे यूरोपीय देशों ने सैलानियों के लिए चेतावनी जारी की है और उन्हें हिंसाग्रस्त इलाकों से दूर रहने को कहा है.

एनआर/आरएस (एएफपी)

फ्रांस में भड़की हिंसा की आग बेल्जियम तक पहुंची, 2300 से ज्यादा लोग गिरफ़्तार

फ़्रांस में अल्जीरियाई मूल के 17 वर्षीय किशोर की पुलिस की गोली से हुई मौत के बाद पूरे देश में भड़की हिंसा की आग थमी नहीं है. हिंसा चौथी रात भी जारी रही.

यहां के शहर नानतेरे में मंगलवार को नाहेल नाम के एक युवक को पुलिस ने गोली मार दी थी. इसके बाद नानतेरे समेत लगभग पूरे देश में हिंसा भड़क उठी थी.

शनिवार को नाहेल की अंत्येष्टि की गई. इस मौक़े पर नानतेरे की इब्न बदिस मस्जिद में एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. स्थानीय अख़बारों के अनुसार बड़ी संख्या में लोग इसके लिए मस्जिद आए.

इस बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जर्मनी का अपना दौरा फिलहाल के लिए टाल दिया है.

23 साल में पहली बार फ्रांस के राष्ट्रपति जर्मनी का आधिकारिक दौरा करने वाले थे. दौरे के लिए अगली तारीख का अब तक एलान नहीं किया गया है.

फ्रांस में हिंसा की चौथी रात स्थिति पर काबू करने के लिए सरकार ने क़रीब 45 हज़ार पुलिस अफ़सरों को तैनात किया है.

फ्रांस के गृह मंत्री जेराल्ड दारमेनिन ने कहा कि देश में चौथी रात हिंसा में थोड़ी कमी देखी गई और 471 लोगों को गिरफ़्तार किया. जबकि तीसरी रात की हिंसा के दौरान 917 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.

अब तक देश में 2,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है और स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए 45,000 पुलिसकर्मी सड़कों पर हैं.

फ्रेंच मीडिया की ख़बरों में कहा गया है कि हिंसा के आरोप में ब्रसेल्स में 100 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से कहा है वो फ्रांस की यात्रा न करें.

फुटबॉल स्टार एमबापे ने की शांति की अपील

सरकार ने लोगों से अपने बच्चों को हिंसा से दूर रखने को कहा है.

दारमेनिन ने बताया है कि हिंसा भड़काने के आरोप में 13 साल तक के बच्चों को गिरफ़्तार किया गया है.

इस बीच, फ्रांस के फुटबॉल स्टार किलियान एमबापे ने शांति की अपील करते हुए कहा है कि हिंसा से कोई समाधान नहीं निकल सकता.

उन्होंने लोगों से मृतक का शोक मनाने, आपस में बातचीत कर मसला सुलझाने और हिंसा में नष्ट हुई चीजों को दोबारा खड़ा करने की अपील की है.

नानतरे के मेयर जेरी ने कहा, ”शहर के माहौल में गम और गुस्सा है. आज का दिन इंसाफ की मांग का दिन है.”

“वामपंथी और फ्रांस की कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सदस्य जेरी ने कहा, “हम बेहद कठिन क्षणों को जी रहे हैं. हमें नाहेल की मां के इर्द-गिर्द ही रहना होगा.”

गुरुवार को नाहेल की मां के आह्वान पर नानतेरे में 6000 से अधिक लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.

हालात काबू करने के लिए उतारे गए 45 हजार पुलिसकर्मी

मंगलवार को पुलिस ने नानतेरे में 17 साल के युवक को ट्रैफ़िक चेक के लिए न रुकने पर गोली मार दी थी.

पिछली चार रातों से फ़्रांस में अलग-अलग शहरों में प्रदर्शनकारियों की ओर से भारी आगजनी, आतिशबाज़ी की घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई कारें, सरकारी इमारतें नष्ट हो गई हैं.

पेरिस से बीबीसी संवाददाता सोफ़िया बेट्ज़ का कहना है कि ‘शहर पर सड़कों का हाल किसी युद्ध के मैदान जैसा हो गया है.’

हालात काबू करने के लिए फ्रांस की सड़कों पर 45 हजार पुलिसकर्मी उतारे गए हैं.

 

गोली मारने वाले पुलिस अफसर ने मांगी माफी

गोली मारने वाले पुलिस अधिकारी पर हत्या का आरोप दर्ज कर लिया गया है. हालांकि नानतेरे को गोली मारने वाले पुलिस अफसर ने उनके परिवार से माफी मांग ली है.

लेकिन 17 वर्षीय इस अल्जीरियाई मूल के इस किशोर की मौत के बाद लोग, पुलिसिंग और फ्रांस के उपनगरों की पुलिस में नस्लीय प्रोफाइलिंग का सवाल उठा रहे हैं.

कौन था नाहेल

पुलिस ने जिस 17 वर्षीय नाहेल को गोली मारी, वो अपनी मां की इकलौती संतान था.

वो डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था और रग्बी का लीग प्लेयर था.

उसकी पढ़ाई व्यवस्थित ढंग से नहीं हुई थी. उसे अपने शहर के नजदीक सरेसनेस के कॉलेज में भर्ती कराया गया था.

वहां इसे इलेक्ट्रिशियन के तौर पर ट्रेनिंग लेने के लिए भेजा गया.

हालांकि कॉलेज में वो कम ही मौजूद रहता था.

नानतेरे में उसके घर के आसपास रहने वाले उसे अच्छे स्वभाव का किशोर बताया है.

वो अपनी मां मॉनिया के साथ रहता. उसके पिता के बारे में किसी को जानकारी नहीं है.

नाहेल का आपराधिक रिकार्ड नहीं रहा है. लेकिन पुलिस उसे जानती थी.

जिस दिन उसे गोली मारी गई उस दिन उसने अपनी मां को ड्यूटी पर जाते वक्त बड़़े प्यार से विदा किया था.

फ्रांस में लगातार हिंसक प्रदर्शन जारी, 23 साल में पहली बार राष्ट्रपति का दौरा टला

फ्रांस में 17 साल के एक युवा को गोली मारे जाने के बाद शुरू हुआ हिंसा का दौर अब तक थमा नहीं है.

मंगलवार को हुई इस घटना को पांच दिन हो गए हैं. अब तक देश में 2,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है और स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए 45,000 पुलिसकर्मी सड़कों पर हैं.

17 साल के अल्जीरियाई मूल के नाहेल की मौत के बाद लोग, पुलिसिंग और फ्रांस के उपनगरों की पुलिस में नस्लीय प्रोफाइलिंग का सवाल उठा रहे हैं.

शनिवार 01 जुलाई 2023

रात को लूटपाट और आगज़नी की कई घटनाएं हुईं.

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अब तक 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

नानतेरे में नाहेल की अंत्येष्टि का कार्यक्रम हुआ जिसमें हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया.

मैक्रों ने जर्मनी का अपना दौरा फिलहाल के लिए टाल दिया है. 23 साल में पहली बार फ्रांस के राष्ट्रपति जर्मनी का आधिकारिक दौरा करने वाले थे. दौरे के लिए अगली तारीख का अब तक एलान नहीं किया गया है.

शुक्रवार 30 जून 2023

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आपात बैठक की और कहा कि स्थिति पर नियंत्रण के लिए वो अधिक संसाधन लगाएंगे.

फ्रांस में कई कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, जगह-जगह पर कर्फ्यू लगाया गया है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बी बंद कर दिया गया है.

सरकार ने हिंसा पर नियंत्रण करने के लिए 45,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है.

गुरुवार 29 जून 2023

जिस पुलिस अफॉसर ने नाहेल पर गोली चलाई थी उन्हें गिरफ्तार किया गया, उन पर व्यक्ति की जान लेने का आरोप लगाया गया है.

नाहेल कि मां मॉनिया के उपने इकलौते बेटे की याद में आज एक मार्च निकाला जिसमें क़रीब छह हज़ार लोग शामिल हुए.

कई शहरों से हिंसा और लूटपाट की खबरें आईं.

बुधवार 28 जून 2023

नाराज़ प्रदर्शकारियों ने सरकारी इमारतों और गाड़ियों को निशाना बनाया. उन्होंने गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.

सरकार ने कहा कि वो हिंसा पर काबू पाने के लिए 9000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात करेगी.

मंगलवार 27 जून 2023

फ्रांस के शहर नानतेरे में एक ट्रैफिक चेक पोस्ट पर 17 साल के नाहेल एम को एक पुलिसकर्मी ने गोली मारी. उनकी मौत हो गई.

इस घटना का वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए.

इन प्रदर्शनों ने जल्द हिंसक रूप अख्तियार कर लिया.

स्थिति पर काबू पाने के लिए सरकार ने 1200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया.

फ़्रांस की पांचवीं अशांत रात, बढ़ता जा रहा है दंगों का दायरा, मरसीलिया में हिंसा, पेरिस में नगरपालिका की इमारत में आगज़नी

फ़्रांस में लगातार चौथी रात ज़बरदस्त हंगामे हुए, कई जगहों पर हिंसक झड़पें, मार पीट और लूट की घटनाएं दर्ज की गई हैं।

पेरिस में पुलिस की गोली से युवा की हत्या के बाद से दंगे भड़क उठे हैं। शुक्रवार की रात दक्षिणी फ़्रांस के मर्सीलिया में पुलिस की और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं जिसके नतीजे में दो पुलिस कर्मी घायल हुए जबकि 80 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ़तार कर लिया गया। इससे पहले भी लगभग 900 लोगों की गिरफ़तारियां हो चुकी हैं।

मर्सीलिया के मेयर ने प्रशासन से अतिरिक्त बल की मांग की है क्योंकि हालात बहुत ख़राब हो चुके हैं।

लियोन, स्ट्रसबर्ग और नानेत में भी झड़पें हुई हैं। लियोन में एक मोहल्ले को आग लगा दी गई जिसके बाद रैपिड एक्शन फ़ोर्स को हसतक्षेप करना पड़ा।

पश्चिमी शहर अंजिए में प्रदर्शनकारियों ने दर्जनों गाड़ियों को आग लगा दी। पेरस और स्ट्रसबर्ग सहित कई शहरों में लूट की घटनाएं भी हुई हैं।

अलजीरियाई मूल के 17 वर्षीय युवा की पुलिस की गोली से मौत के बाद हालात बिगड़े हैं। फ़्रांसीसी पुलिस पर आरोप है कि उसने नस्लभेदी रवैया अपनाते हुए युवा की हत्या कर दी।

पैरिस में कई सरकारी इमारतों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया।

प्रशासन अपने बयानों से संकेत दे रहा है कि वह ताक़त का इस्तेमाल करेगा और किसी भी तरह पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है।