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अरे! इतना ‘अँधेरा’ क्यूं है,,,?

पाकिस्तान में सोमवार को दिन में अंधेरा छा गया। राजधानी इस्लामाबाद से लेकर कराची और लाहौर तक बिजली सप्लाई बाधित हुई। देश पहले ही गंभीर ऊर्जा संकट की चपेट में है। बिजली बचाने के लिए सरकार ने बाजारों को रात 8 बजे बंद करने का आदेश जारी किया है। लेकिन सोमवार के ब्लैकआउट ने शहबाज सरकार की तैयारियों की पोल खोल दी है जिससे एक दिन में अरबों रुपए का नुकसान हो गया।

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में सोमवार को दिन में अंधेरा छा गया। पिछले तीन महीने में यह दूसरी बार था जब नेशनल ग्रिड गड़बड़ी का शिकार हुई। राजधानी इस्लामाबाद से लेकर कराची और लाहौर तक बिजली सप्लाई बाधित हुई। देश पहले ही गंभीर ऊर्जा संकट की चपेट में है। बिजली बचाने के लिए सरकार ने बाजारों को रात 8 बजे बंद करने का आदेश जारी किया है। शादियों का समय भी रात 10 बजे तक सीमित कर दिया गया है। लेकिन सोमवार के ब्लैकआउट ने शहबाज सरकार की तैयारियों की पोल खोल दी है जिससे एक दिन में अरबों रुपए का नुकसान हो गया। आइए समझते हैं कि सोमवार को पाकिस्तान में क्या हुआ और कैसे करोड़ों लोग अंधेरे में डूब गए?

सोमवार सुबह कुछ पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि देश के कई इलाकों में लाइट नहीं आ रही है। इसके बाद ऊर्जा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने कहा कि नेशनल ग्रिड की सिस्टम फ्रीक्वेंसी सुबह करीब 7:30 बजे नीचे चली गई जो पावर सिस्टम में ‘व्यापक ब्रेकडाउन’ का कारण बन गई। दस्तगीर ने रॉयटर्स को बताया कि ब्लैकआउट देश के दक्षिण में एक बड़े वोल्टेज उछाल के कारण हुआ था जिसका असर पूरे नेटवर्क पर हुआ।

पाकिस्तान में कैसे आई ऊर्जा आपदा?
पाकिस्तान इस समय गंभीर ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। दरअसल देश आयातित प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करके अपनी वार्षिक बिजली की मांग का एक तिहाई से अधिक पूरा करता है। यूक्रेन युद्ध के बाद से इसकी कीमत में बड़ा उछाल आया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के प्रोग्राम के तहत लोन मिलने में हाल ही में हुई देरी के कारण पाकिस्तान को विदेशों से ईंधन खरीदने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। फ्यूल शिपमेंट पाकिस्तान के आयात का बड़ा हिस्सा है और वर्तमान मुद्रा भंडार मुश्किल से एक महीने के आयात का बोझ ही उठा सकता है।

कैसे फेल हो जाते हैं पावर ग्रिड?
पाकिस्तान कई महीनों से लंबे-लंबे पावर कट का सामना कर रहा है। ग्रामीण इलाकों का हाल शहरों से ज्यादा बुरा है। ईंधन की लागत बचाने के लिए कई हिस्सों में अभी भी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। मांग और आपूर्ति के बीच बड़ा अंतर होने पर या कभी-कभी बिजली इस्तेमाल पैटर्न में अचानक बदलाव के कारण भी बिजली ग्रिड फेल हो जाते हैं या टूट जाते हैं। ज्यादातर मामलों में जब जब आपूर्ति और मांग के बीच का अंतर एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है तो सभी उप्तादन स्टेशनों को ग्रिड से अनप्लग कर दिया जाता है जिससे ब्लैकआउट हो जाता है।

एक दिन में हुआ 5.71 अरब रुपए का घाटा
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान में ग्रिड फेल का सटीक कारण क्या था। लेकिन पावर ग्रिड की फ्रीक्वेंसी आमतौर पर तब गिरती है जब सप्लाई मांग से कम हो जाती है। ऑल पाकिस्तान टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन (APTMA) ने सोमवार को देश के कपड़ा उद्योग को 70 मिलियन डॉलर (5.71 अरब रुपए) के नुकसान की सूचना दी है। एपीटीएमए के प्रवक्ता ने कहा था कि अगर इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया तो नुकसान अरबों डॉलर तक पहुंच जाएगा।