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IPS संजीव भट्ट ने कहा “भारतीय मुसलमान इस समय बड़ी मुश्किल के दौर से गुज़र रहे हैं-हिन्दू भी हिंदुत्वा पर विश्वास नही करते हैं”

नई दिल्ली: 2013 के मुज़फ़्फ़रनगर दँगोँ के बाद भारत का माहौल इतना साम्प्रदायिक होगया है कि यहां पर रंग तहज़ीब और ज़बान भी हिन्दू मुस्लिम बन गई है,नफरत के ठेकेदारों ने मुसलमानों के खिलाफ इतना झूठा प्रोपेगेंडा किया है कि कहीं भी भीड़ को मुसलमानों के खिलाफ भड़का कर अपनी वोट बैंक की सियासत के लिये दँगे करा रहे हैं।

देश में गाँय के नाम पर उत्तर प्रदेश के नोएडा दादरी के गाँव बिसाहड़ा में अख़लाक़ की दर्दनाक हत्या भीड़ द्वारा की गई थी, जिसके बाद से पचास से अधिक मामले पेश आचुके हैं जिनमें मुसलमानों को गाँय ले जाते हुए या बीफ खाने का आरोप लगाकर निशाना बनाया गया है।

इसी प्रकार से लोगों के दिलों में दूरियां कुछ इस प्रकार से फैल रही हैं कि ईद के मौके पर भीड़ जुनैद को चलती ट्रैन में क़त्ल किया जाता है लेकिन कोई नही रोक पाता और निर्दोष दम तोड़ देता है,मुसलमानों के मोहलल्लों में भड़काऊ नारे लगाये जाते हैं और उत्तेजित किया जाता है,ताकि मुसलमानों भड़के और दँगा और हिंसा फैले,जैसा 26 जनवरी को उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुआ था जहां भगवाधारियों ने तिरँगा यात्रा निकालकर मुस्लिम मोहल्ले में छेड़छाड़ करी जिसमें एक युवक की मौत भी हुई थी।

बिहार,झारखण्ड,बंगाल में रामनवमी के अवसर पर हथियारों और नँगी तलवारों के साथ जुलूस निकाला गया था जिसके बाद छेड़छाड़ हुई और हिंसा भड़क गई जांच के बाद पता चला कि रैली में भड़काऊ नारेबाजी हुई थी,बिहार में हुई इस हिंसा में भीड़ ने मस्जिद और मदरसे पर हमला बोल दिया था और मदरसे में तोड़फोड़ आगज़नी करी थी तथा मस्जिद पर भगवा झण्डे लगा दिए थे।

इस तरह की एक नही सैकड़ों घटनाएं हैं जिनमें मुसलमानों को निशाना बनाया जारहा है,भारत मे मुसलमान जिस दौर से गुज़र रहे हैं उस पर गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट का कहना कि हिंदुत्वा के ऐजेंडा पर हिन्दू भी विश्वास नही करते हैं।

संजीव भट्ट ने ट्वीट करके कहा है कि “प्रिय भारतीय मुसलमानों,आप इस समय एक समुदाय के रूप में बड़ी मुश्किल समय से गुजर रहे हैं, लेकिन एक बात बिल्कुल सच है कि इस देश में रहने वाले अधिकांश हिंदू हिंदुत्व में विश्वास नहीं करते हैं, जो कि ठगों द्वारा प्रचारित किया जा रहा है।हमने सदियों से शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व के साथ रहे हैं और रहते रहेगें।

संजीव भट्ट की गिनती देश के शाँति प्रिये लोगों में होती है इसी लिये कट्टरवादी लोगों को संजीव भट्ट को हजम नही कर पाते हैं और संजीव भट्ट को निशाना बनाते हैं।