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Karnataka : ‘वोक्कालिगा से ज्यादा मुस्लिम’ बयान पर घिरे विधायक जमीर

ऐसी खबरें हैं कि वोक्कालिगा के एक प्रमुख द्रष्टा निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने इस संबंध में कांग्रेस नेताओं को अपनी नाराजगी से अवगत कराया है। इसे लेकर सियासी घमासान भी शुरू हो गया है।

कर्नाटक कांग्रेस के विधायक जमीर अहमद खान ने कहा कि उन्हें केवल मीडिया के माध्यम से पार्टी द्वारा उन्हें अपने अनुचित और अनावश्यक बयानों के लिए चेतावनी देने के बारे में पता चला है। उन्होंने कहा कि वह यात्रा कर रहे हैं, और बेंगलुरु लौटने के बाद इस पर गौर करेंगे। पार्टी के अनुशासन और विचारधारा के लक्ष्मण रेखा के बारे में याद दिलाते हुए कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खान को एक पत्र जारी कर कहा है कि उनकी हालिया सार्वजनिक टिप्पणी पूरी तरह से अनुचित और गलत है।

 

खान ने कहा, मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है, मैंने इसे मीडिया में देखा है, यह नोटिस नहीं है बल्कि एक पत्र है। मुझे अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है, क्योंकि मैं यात्रा कर रहा हूं। इसे देखे बिना मैं प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। मैं दावणगेरे में हूं, बाद में चित्रदुर्ग की यात्रा करूंगा, एक बार जब मैं बेंगलुरु जाऊंगा, तब देखूंगा। यह पूछे जाने पर कि केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार उनके बारे में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह अध्यक्ष हैं, बड़े आदमी हैं, मेरे बारे में भला क्या प्रतिक्रिया देंगे।

बयान पर सामुदायिक राजनीति शुरू
दरअसल, कांग्रेस नेता और विधायक जमीर अहमद खान की कर्नाटक में मुसलमानों की संख्या वोक्कालिगा से अधिक होने की टिप्पणी ने विवाद पैदा कर दिया है और अब यह सामुदायिक राजनीति का रूप ले रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा के वोक्कालिगा नेताओं ने खान की टिप्पणी को राजनीतिक रूप से प्रभावशाली समुदाय का प्रभाव कम करने के प्रयास के रूप में पेश किया।

मामला गंभीर होते देख कांग्रेस नेताओं ने टिप्पणी पर खेद जताते हुए भरपाई की कोशिश की। साथ ही जहीर को चेतावनी पत्र भी जारी किया है। इस पत्र में लिखा है, आपको सार्वजनिक टिप्पणी करते समय भविष्य में सावधान रहने और पार्टी के अनुशासन और विचारधारा का दृढ़ता से पालन करने की चेतावनी दी जाती है।

निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने जताई नाराजगी
ऐसी खबरें हैं कि वोक्कालिगा के एक प्रमुख द्रष्टा निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने इस संबंध में कांग्रेस नेताओं को अपनी नाराजगी से अवगत कराया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले खान ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार के वोक्कालिगा समुदाय को मजबूत करने के प्रयास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हाल ही में कहा था कि सिर्फ एक समुदाय के समर्थन से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है।

खान ने कहा कि कोई एक समुदाय के समर्थन से सीएम नहीं बन सकता, हर किसी की इच्छा (सीएम बनने की) होगी जो गलत नहीं है। सभी समुदायों को एक साथ लेकर सीएम बनना संभव है। मुझे भी सीएम बनने की इच्छा है, मेरे समुदाय का प्रतिशत वोक्कालिगा से अधिक है। क्या मेरे लिए सीएम बनना संभव है, सिर्फ अपने समुदाय के समर्थन से? संभव नहीं है।

वोक्कालिगा समुदाय से हैं शिवकुमार
शिवकुमार, जो एक वोक्कालिगा हैं, उन्होंने हाल ही में उस समुदाय से आह्वान किया था, जो पुराने मैसूर या दक्षिणी कर्नाटक क्षेत्र में एक प्रमुख वोट-बैंक है, ताकि उनकी मुख्यमंत्री पद के दावे का समर्थन किया जा सके। शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच महीनों से राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है, क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में दोनों मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।

हालांकि सिद्धारमैया यह कहते रहे हैं कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक और आलाकमान यह तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा। अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनियों की अनदेखी करते हुए खान सहित उनके वफादार खुले तौर पर अपने नेता के पक्ष में बयान दे रहे हैं, जिसने पार्टी को लगभग विभाजित कर दिया है।