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दुःख सबके एक जैसे नहीं होते है…किसी के बहुत “छोटे” तो किसी के बहुत “बड़े” होते है!
वाया : कामसूत्र – स्वामी देव द्वितीय ============== · “चरित्रहीन – एक यात्रा वैश्यालय की” यौवन के मद में अनियंत्रित, सागर में खो जाने को आज चला था पैसो से मैं यौवन का सुख पाने को दिल की धड़कन भी थिरक रही थी यौवन के मोहक बाजे पे अरमानों के साथ मैं पंहुचा उस तड़ीता […]
——— अब मत आना मॉम… माँ ——–#######
Ravindra Kant Tyagi From Ghaziabad, India =============== चार साल की उम्र की बहुत सी बातें अब मस्तिष्क से धूमिल हो गई हैं किन्तु वो पल हमेशा याद रहा जब मेहमानों के छोटे से समूह के सामने मुझ छोटे से बालक को अजीब से असमंजस में ड़ाल दिया गया था। बारह सितंबर की सुहानी शाम थी। […]
अक्ल बाटने लगे विधाता,,,,By…Aarti Dubey
Aarti Dubey 😀😀😀😀😀 अक्ल बाटने लगे विधाता, लंबी लगी कतारी। सभी आदमी खड़े हुए थे, कहीं नहीं थी नारी।। सभी नारियाँ कहाँ रह गई, था ये अचरज भारी । पता चला ब्यूटी पार्लर में, पहुँच गई थी सारी।। मेकअप की थी गहन प्रक्रिया, एक एक पर भारी । बैठी थीं कुछ इंतजार में, कब आएगी […]