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NEET के उम्मीदवारों को BRA हटाने के लिए मजबूर किया गया!

NEET परीक्षा से जुड़ा एक नया विवाद सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक चेन्नई के एक परीक्षा केंद्र ने कथित तौर पर रविवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक) NEET के उम्मीदवारों को ब्रा हटाने के लिए मजबूर किया गया। यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी हाल के दिनों में इसी तरह की कई घटनाएं हुई हैं।

आपको बता दें कि बीते 7 मई को अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट NEET UG 2023 पूरे देश में आयोजित किया गया। NEET UG में हर साल की तुलना में इस साल सबसे ज्यादा करीब 21 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। तमिलनाडु राज्य में भी 1.5 लाख छात्र नीट परीक्षा में शामिल हुए।

परीक्षा खत्म होने ने बाद चेन्नई के एक परीक्षा केन्द्र पर एक महिला पत्रकार को कुछ ऐसा देखने को मिला जिसके बाद पत्रकार ने उसको ट्वीट किया। नाम न छापने की शर्त पर पत्रकार ने लिखा कि उसने देखा कि एक लड़की एक कोने में बेसुध बैठी है, उसने आगे बढ़कर उस लड़की से पूछा कि क्या उसके साथ सब कुछ ठीक है। जिसके बाद छात्रा ने कहा कि परीक्षा लिखते समय कथित तौर पर उससे ब्रा उतारने को कहा गया। यह सुनकर पत्रकार ने उसे एक शॉल भेंट की ताकि वह खुद को ढक सके। हालांकि, लड़की ने यह कहकर मना कर दिया कि उसका भाई उसे लेने आ रहा है।

 

पत्रकार द्वारा इस घटना को लेकर ट्वीट किए जाने के बाद नेटिज़ेंस ने पत्रकार को बेरहमी से ट्रोल किया, बाद में उसे इसे हटाने के लिए मजबूर किया। हालाँकि, वह वहाँ नहीं रुकी और आगे लिखा कि परीक्षा में शामिल होने वाली कई लड़कियों ने ब्रा नहीं पहनी थी। उन्होंने ट्वीट किया, “मुझसे अश्लील सवाल पूछने वालों को परीक्षा बोर्ड से पूछना चाहिए कि ब्रा पहनने की अनुमति है या नहीं।”

यह कोई पहली घटना नही है इससे पहले भी परीक्षा केंद्रों पर महिलाओं को परीक्षा देते समय ब्रा पहनने की अनुमति नहीं देने पर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। पिछले साल केरल में, रिपोर्टों में कहा गया था कि मार थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में परीक्षा देने से पहले छात्रों को ‘सुरक्षा’ कारणों से अपनी ब्रा उतारने के लिए मजबूर किया गया था।


मामले पर बोलते हुए, राज्य के शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोय्यामोझी ने दावा किया कि सीएम स्टालिन पहले ही इस तरह की गतिविधियों की निंदा कर चुके हैं।घटना के बारे में बोलते हुए, राज्य के शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोय्यामोझी ने कहा कि सीएम स्टालिन ने इस तरह के कृत्यों की कड़ी निंदा की है। महेश ने पिछले तीन साल से चल रहे एनईईटी के दौरान जिस तरह से हर छात्र की हेयरपिन और ड्रेस उतारकर चेकिंग की जाती है, उसकी भी निंदा की।

बीजेपी प्रवक्ता नारायणन थिरुपति ने इस अधिनियम की आलोचना करते हुए कहा कि अगर ऐसा कोई उल्लंघन हुआ है तो इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसका परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि छात्र इसके लिए खुद को नामांकित करते हैं और परीक्षा केंद्रों में उपस्थित होते हैं।

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