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Rajasthan Election : मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी को लेकर कहा-धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर तुम एक तरफ़ बंटवारा कर रहे हो!

अनूपगढ़।राजस्थान के अनूपगढ़ की जनसभा में पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अनुकंप लेने पीएम मोदी हर जगह कहते हैं कि मैं गरीब हूं, मैं रेलवे कैंटीन में स्टाल लगाता है, चाय बेचता था। अरे वो तो ठीक है तुम कैंटीन में चाय बेचते थे। मेरा बाप तो मजदूर था, मैं मजदूर का बेटा हूं। मुझे यह कहने में शर्म नहीं आती। मैं लोगों के हित के लिए काम करने के लिए राजनीति में आया हूं। जानबूझकर झूठ बोलने के लिए, लोगों को अलग करने के लिए मैं नहीं आया।

‘ढोंगी लोगों के झांसे में मत आओ’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी को लेकर कहा कि धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर तुम एक तरफ बंटवारा कर रहे हो। दूसरी तरफ बोलते हैं कि हम देश को एक रख रहे हैं, ये कांग्रेस वाले बार-बार तोड़ने की कोशिश करते हैं। कभी राहुल गांधी जी को गालियां देते हैं, कभी मुझे और कभी सोनिया जी को गालियां देते हैं। अरे भाई हमने क्या किया, हुकूमत आप कर रहे हैं दस साल से। साढ़े 13 साल से आप अहमदाबाद में हुकूमत की। अब आप ही बोलिए जो इंसान 23-24 साल चीफ मिनिस्टर और प्राइम मिनिस्टर बोलकर काम कर रहा है, वह मैं गरीब हूं, गरीब हूं बोल रहा है 24 साल से। तो ऐसे जो ढोंगी लोग रहते हैं इनके झांसे में मत आओ। ये बड़ा खतरनाक होता है।

राहुल गांधी को बताया देश के लिए जान देने वाला
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि देश की सेवा में कांग्रेस पार्टी लगी है। हमारी पार्टी में इंदिरा जैसी महान नेता ने अपनी जान कुर्बान कीं। इस दौरान खरगे ने अपनी जुबान पर नियंत्रण खोते हुए कह दिया कि राहुल गांधी ने देश के लिए अपनी जान दी। हालांकि फौरन बाद उन्होंने अपनी बात को सुधारते हुए कहा कि देश की एकता के लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। कांग्रेस में जान देने वाले लोग हैं और बीजेपी में जान लेने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी को किसने मारा? नाथूराम गोडसे ने। फिर भी उस नाथूराम गोडसे के लोग कहां हैं, कौन सी पार्टी में हैं। ये लोग एक तरफ देश की बात करते हैं और देश के लिए जिन्होंने कुर्बानी दी, गांधी जी को जिन्होंने हमें आजादी दिलाई उनकी फिलॉसफी के खिलाफ बोलते हैं। नेहरू जी की फिलॉसफी के खिलाफ बोलते हैं। इंदिरा जी कामों को कभी उन लोगों ने स्वीकार नहीं किया।

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