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रितु सिर्फ 17 साल की उम्र में, ऑटो उठाकर शहर में निकल जाती है, औऱ मुश्किल से 200 रुपये बचा पाती है।

एक लड़की है
नाम है रितु वर्मा..!!
पंजाब के संगरूर जिले में
एक सभ्य शहर मलेरकोटला में रहती है..!!!

पिता नहीं है
घर मे कुल 6 सदस्य हैं
पांच बहने और एक मां..!!
अपना घर भी नहीं है किराए के घर मे रहती हैं
तीन बहने शादीशुदा हैं पुरुष के बिना घर चलाना हमेशा मुश्किल भरा होता है।

रितु सिर्फ 17 साल की है 11वीं क्लास में पढ़ती है पैसों की दिक्कत हुई तो शहर जाकर किसी से बैटरी वाला ऑटो रिक्शा किराए पर लिया और चलाने लगी।
स्कूल से थकी हुई 3 बजे वापिस घर आती है और आते ही ऑटो उठाकर शहर में निकल जाती औऱ सूर्यास्त होने पर घर लौटती है

3-4 घण्टे में 400-500 रुपये की कलेक्शन करके लाती है ऑटो का मालिक रोज 250 रुपये किराए के ले लेता है और 60-70 रुपये उस रिक्शा की बैटरी को चार्ज करने का खर्च आ जाता है मुश्किल से 200 रुपये बचा पाती है।
परिवार फिर भी कभी सरकार/जनता के सामने गिड़गिड़ाता नही, अपनी मेहनत से घर चला रहे हैं।

रविवार को भी रितु की छुट्टी नही होती, उसकी सहेलियां उस दिन सिनेमा जाती है शॉपिंग जाती है पिकनिक जाती है या खेलने….पर बिन बाप की रितु उस दिन अधिक पैसे लाने के लिए सुबह से रिक्शा लेकर सारा दिन अथक रिक्शा दौड़ाती है मलेरकोटला की सड़कों पर…..!!!!!
किसी सवारी से पैसे के लिए झगड़ती नही….
कोई आधे पैसे में पहुंचाने का कहे तो भी खुशी से उसे गंतव्य तक छोड़ आती है।

अच्छी बात सिर्फ ये है कि मलेरकोटला एक बहुत सभ्य शहर है सारा शहर उसे बेटी की तरह प्रेम करता है बस शाम तक जो भी मिले बेटी उसे लेकर घर सुरक्षित पहुंच जाती है।