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सात वर्ष हो गये इस पत्र को लिखे हुए…..By-Kavita Krishnapallavi
Kavita Krishnapallavi ============ सात वर्ष हो गये इस पत्र को लिखे हुए । 2013 में भी इसे फेसबुक पर पोस्ट किया था । मेरी यह दोस्त बुर्जुआ जीवन और गार्हस्थ्य में व्यवस्थित होने की विफल कोशिश के बाद आज भौतिक समृद्धि और आर्थिक सुरक्षा के बावजूद, अवसाद से जूझते हुए एकाकी जीवन बिता रही है […]
इन लोगों का धार्मिक सद्भाव और आपसी भाईचारे वाला अनुभव लगभग नगण्य होता है….By-विमलेश कुमार
Vimlesh Kumar Lives in Delhi, India From Indore, India Works at Hindustan Times ================ संकीर्ण मानसिकता आजकल इस शब्द का चलन काफी बढ़ गया है। जहां भी आप जरा सा भी प्रयोगिक हुए और लोगों को हकीकत से रूबरू कराया वे तुरंत ही आप पर संकीर्ण मानसिकता का शब्द बाण चलाएंगे। खासकर धार्मिक मसलों पर […]
1857 की क्रांति के जनक थे मातादीन बाल्मीकि, ‘अरे भंगी, मेरा लोटा छूकर #अपवित्र करेगा क्या?’ फिर क्या था….Dk Verma Verma से प्राप्त लेख पढ़ें!
Dk Verma Verma ================= #आँखे_खोल_देगी यह पोस्ट! 1857 की क्रांति के जनक थे मातादीन बाल्मीकि मातादीन के पुरखे #अंग्रेजी_शासन में सरकारी नौकरी में रहे थे। #मातादीन को भी बैरकपुर फैक्ट्री में खलासी की नौकरी मिल गई। यहां अंग्रेज सेना के सिपाहियों के लिए कारतूस बनाए जाते थे। _________________________ इन्हीं कारतूसों को तमाम #सैनिक अपने मुंह […]