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SCO Summit in Tashkent : उज्बेकिस्तान के ताशकंद में SCO की बैठक में SCO सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।

SCO Summit in Tashkent: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) आज शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) के रक्षा मंत्री स्तर के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. जहां वह एससीओ की बैठक को संबोधित करेंगे. इसमें शामिल होने के लिए वह मंगलवार को उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद पहुंच चुके हैं. वह उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) की राजधानी ताशकंद (Tashkent) की तीन दिवसीय यात्रा पर गए हैं. इस दौरान वह एससीओ देशों को रक्षा मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे.

बताया जा रहा है कि प्रभावशाली समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन से लगभग तीन सप्ताह पहले इस एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्री स्तर की बैठक का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे और रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू के शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री से की मुलाकात

फिलहाल केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ताशकंद के दौरे के दौरान उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बैठक की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर करते हुए जानकारी में दी है कि बातचीत के दौरान उन्होंने भारत-उज्बेकिस्तान रक्षा संबंधों की समीक्षा की है. उनका कहना है कि ‘हमारा सहयोग एक ठोस नींव पर आधारित है और आने वाले दशकों में यह बढ़ता रहेगा.’

कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री से राजनाथ सिंह की मुलाकात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ताशकंद में कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रुस्लान झाक्सलिकोव के साथ भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने रक्षा और सुरक्षा सहयोग और आपसी हित के अन्य मुद्दों के सभी पहलुओं पर चर्चा की. उनका कहना है कि वह रक्षा सहयोग को और गहरा करने पर सहमत हुए हैं. राजनाथ सिंह ने बेलारूस के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन से भी मुलाकात की है.

फिलहाल बता दें कि साल 2001 में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization)की स्थापना की गई थी. इस दौरान शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने एक शिखर सम्मेलन के जरिए इसकी स्थापना की थी. जो की आर्थिक और सुरक्षा की दृष्टि से एक प्रभावशाली समूह है. भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) को साल 2017 में इसका स्थायी सदस्य बनाया गया था.