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SEBI ने एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइज़ेज़ के CEO के ख़िलाफ़ फंड हेराफेरी में की बड़ी कार्यवाही!

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने सोमवार को जारी एक अंतरिम आदेश में एस्सेल ग्रुप (Essel Group) के चेयरमैन सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) के CEO पुनीत गोयनका (Punit Goenka) पर किसी लिस्टेड कंपनी या उसकी सब्सिडियरी में डायरेक्टर या प्रमुख प्रबंधकीय पद पर रहने पर रोक लगा दी है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने लिस्टेड कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) और एस्सेल ग्रुप की दूसरी लिस्टेड कंपनियों से अपने फायदे के लिए फंड्स की हेराफेरी की है .

मार्केट रेगुलेटर ने अपने आदेश में ये भी कहा कि जी एंटरटेनमेंट को ये ऑर्डर 7 दिनों के अंदर अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सामने रखना चाहिए. इसके साथ ही SEBI ने ये भी जोड़ा है कि अगर सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका को इस आदेश पर अपना जवाब या आपत्ति दर्ज करानी है तो वो 21 दिनों के अंदर ये दाखिल कर सकते हैं.

16 पन्ने के अपने आदेश में SEBI ने बताया कि 2019 में जी एंटरटेनमेंट के 2 स्वतंत्र डायरेक्टर्स ने ये आरोप लगाते हुए बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था कि जी एंटरटेनमेंट के एक फिक्स्ड डिपॉजिट का इस्तेमाल गलत तरीके से एस्सेल ग्रुप की दूसरी कंपनियों के लोन को चुकाने में किया गया. SEBI ने इस मामले की जांच की और आज ये आदेश जारी किया.

Biz Tak
@BizTakOfficial
बाजार नियामक संस्था सेबी ने ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में डायरेक्टोरियल पोजिशन संभालने से रोक लगा दी है। एस्सेल समूह की संबंधित संस्थाओं के ऋणों को चुकता करने के लिए यस बैंक द्वारा ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड से संबंधित वित्तीय आरोपों की जांच के बाद सेबी का यह आदेश आया है।

Katyusha
@Indian10000000
SEBI bars ZEE’s Subhash Chandra, Punit Goenka from holding directorial position for allegedly abusing their positions in the company and siphoning off funds for their own benefit.

 

 

क्या है फंड की हेराफेरी का मामला?
SEBI की जांच में ये सामने आया है कि सुभाष चंद्रा जो एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन हैं, उन्होंने 4 सितंबर 2018 को यस बैंक (Yes Bank) को एक लेटर ऑफ कंफर्ट (LoC) जारी किया. ये LoC, एस्सेल ग्रुप की अन्य कंपनियों की तरफ से यस बैंक से लिए गए लोन की गारंटी के तौर पर जारी किया गया था.

इस लेटर में कहा गया था कि एस्सेल ग्रीन मोबिलिटी पर जो 200 करोड़ रुपये का लोन है उसके बदले ग्रुप की किसी कंपनी की तरफ से यस बैंक में 200 करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट रखा जाएगा. ये भी साफ किया गया था कि डिफॉल्ट की स्थिति में यस बैंक इस FD को लोन के बदले एडजस्ट कर सकता है.

LoC की वजह से यस बैंक ने एस्सेल ग्रुप की 7 कंपनियों को दिए लोन के बदले में जी एंटरटेनमेंट की 200 करोड़ रुपये की FD को एडजस्ट कर लिया. हालांकि ZEEL ने SEBI को ये जानकारी दी थी कि ग्रुप कंपनियों ने जी एंटरटेनमेंट को ये पैसे लौटा दिए हैं लेकिन SEBI की जांच में ये पता चला कि ये फंड्स जी एंटरटेनमेंट समेत ग्रुप की अन्य लिस्टेड कंपनियों से ही एक लंबा रूट लेकर वापस जी एंटरटेनमेंट (ZEEL) के खाते में आए थे.

SEBI ने आदेश में लिखा है कि फंड्स की हेराफेरी, बेहद सुनियोजित तरीके से की जा रही थी. कुछ मामलों में तो ये भी देखा गया कि ट्रांजैक्शंस को घुमाने के लिए 13 संस्थायों का इस्तेमाल किया गया.

SEBI को जांच में पता चला कि जी एंटरटेनमेंट और अन्य लिस्टेड कंपनियों से 143.90 करोड़ रुपये को अलग-अलग कंपनियों से होते हुए वापस जी एंटरटेनमेंट के खाते में पहुंचाया गया. बाकी बचे फंड के लिए SEBI अभी भी जांच कर रहा है.