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ग़ज़्ज़ा में आम नागरिक मारे जा रहे हैं तो क्या हुआ, जंग यही है : अमेरिका

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रवक्ता ने अवैध और ग़ासिब जायोनी शासन के मानवता विरोधी अपराधों का औचित्य दर्शाते हुए कहा है कि गज्जा में आम लोग मारे जा रहे हैं मगर जंग यही है।

समाचार एजेन्सी फार्स की रिपोर्ट जान कर्बी ने गुरूवार की शाम को एक प्रेस कांफ्रेन्स में जायोनी शासन के पाश्विक हमलों में आम नागरिकों की हत्या को एक सामान्य बात दर्शाने का प्रयास किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अभी हाल ही में कहा था कि आम नागरिकों के मारे जाने के बारे में जो संख्या बताई जा रही है उस पर उन्हें भरोसा नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा था कि आम नागरिकों का मारा जाना जंग का एक भाग है।

गुरूवार की शाम को होने वाली प्रेस कांफ्रेन्स में एक पत्रकार ने जब जान कर्बी से पूछा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि मारे जाने वालों की संख्या पर मुझे विश्वास नहीं है और एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा था कि निर्दोष लोगों का मारा जाना जंग का एक भाग है क्या आपने भी यही कहा है? इसके जवाब में जान कर्बी ने कहा कि हां मैंने भी यही कहा है।

इसी प्रकार पत्रकार ने पूछा कि आप नहीं समझते कि यह सही नहीं है? इसकी कड़ी आलोचना की जा रही है। उदाहरण स्वरूप इस्लाम और अमेरिकी संबंधों की परिषद ने कहा है कि यह बेतुका व अतार्किक बयान है और जो बाइडेन को माफी मांगनी चाहिये, क्या राष्ट्रपति माफी मांगेगे? इस पर जान कर्बी ने कहा कि नहीं। जो चीज़ सख्त है वह तरीका है जिसे हमास ने अपनाया है। इंसानों का प्रयोग मानव ढाल के रूप में हो रहा है जो चीज़ सख्त है वह 200 लोगों को बंधक बनाना है और उनके परिजनों को कष्ट देना है। जो चीज़ सख्त है वह एक संगीत कार्यक्रम पर हमला है और उन लोगों की हत्या सख्त है जो समय अच्छा बिताना चाहते थे।

जानकार हल्कों का मानना है कि अमेरिका, पश्चिमी व यूरोपीय देशों के क्रिया कलापों को देखकर मानवाधिकारों का राग अलापने वालों की मूल प्रवृत्ति को समझा जा सकता है और अब किसी को भी इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिये कि अमेरिका और उसकी हां में हां मिलाने वाले मानवाधिकार की रक्षा में सच्चे हैं वे मानवाधिकार का प्रयोग उन देशों के खिलाफ मात्र दबाव डालने के हथकंडे के रूप में करते हैं जो उनकी साम्रज्यवादी नीतियों के विरोधी होते हैं।