दुनिया

Sri Lanka Crisis : UN की चेतावनी- 60 लाख से ज्यादा लोग खाद्य संकट से जूझ रहे

एफएओ और डब्ल्यूएफपी ने अपनी संयुक्त रिपोर्ट में बताया है कि खराब मौसम के कारण फसलों का उत्पादन पचास फीसदी कम हुआ है और विदेशी मुद्रा की कमी के कारण खाद्यान्न के आयात में भी कमी आई है।

संकटग्रस्त श्रीलंका को लेकर संयुक्त राष्ट्र के दो बड़े सगंठनों ने सोमवार को एक नई रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 60 लाख से ज्यादा लोग मध्यम से तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यदि समय रहते उनके जीवन और आजीविका को बचाने के लिए पर्याप्त मदद नहीं दी गई तो स्थिति और खराब हो सकती है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने अपनी संयुक्त रिपोर्ट में बताया है कि खराब मौसम के कारण फसलों का उत्पादन पचास फीसदी कम हुआ है और विदेशी मुद्रा की कमी के कारण खाद्यान्न के आयात में भी कमी आई है।

एफएओ और डब्ल्यूएफओ की टीम ने जून और जुलाई 2022 के बीच देश के 25 जिलों का दौरा किया था ताकि यहां घरेलू खाद्य सुरक्षा की स्थिति और कृषि उत्पादन के स्तर का आकलन किया जा सके।

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि मदद के बिना श्रीलंका की खाद्य स्थिति, विशेष रूप से अक्तूबर 2022 से फरवरी 2023 के दौरान, और खराब हो सकती है।

श्रीलंका में एफएओ के प्रतिनिधि विमलेंद्र शरण ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के स्तर में गिरावट को रोकने के लिए और कृषि उत्पादन के लिए छोटे किसानों को आजीविका सहायता प्राथमिकता से मिलनी चाहिए।

शरण ने बताया कि लगभग तीस फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है, किसानों की उत्पादन क्षमता में सुधार से ही कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के बीच आयात की जरूरतों को कम किया जा सकेगा और भूख में वृद्धि को रोका जा सकेगा।

वहीं डब्ल्यूएफपी प्रतिनिधि अब्दुर रहीम सिद्दीकी ने कहा, इस भयावह आर्थिक संकट में परिवारों के पास कोई विकल्प नहीं हैं। साठ फीसदी से अधिक परिवार कम खा रहे हैं। सस्ता व कम पोष्टिक खाना खा रहे हैं। इन वित्तीय बाधाओं ने सरकार को पोषण कार्यक्रमों (जैसे स्कूल में भोजन, माताओं व कुपोषित बच्चों के लिए पोष्टिक भोजन) पर वापस जाने के लिए मजबूर किया है। डब्ल्यूएफपी की सर्वोच्च प्राथमिकता सबसे अधिक जोखिम वाले परिवारों के पोषण में और गिरावट को रोकने के लिए तत्काल भोजन और पोषण सहायता प्रदान करना है।