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@Swamy39चीन की कोशिश से ईरान और सऊदी अरब साथ आये, सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा-ये 21वीं सदी की सबसे बड़ी घटना है, चमगादड़ से की पीएम मोदी की तुलना, कहा-कुछ करेंगे या फिर कहेंगे कि कुछ हुआ ही नहीं है!

सुब्रमण्यम स्वामी ने अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों का जिक्र कर पीएम नरेंद्र मोदी पर फिर से तंज कसा है। उनका कहना है कि चीन की पहल पर ईरान और सऊदी अरब एक साथ आ चुके हैं। ये 21वीं सदी की सबसे बड़ी घटना है। उन्होंने कहा कि भारत खुद के सेफ रखने के लिए कोई कदम उठाएगा भी या नहीं। उनका मशविरा है कि भारत को इजरायल और अमेरिका के साथ मिलकर कोई मजबूत फ्रंट तैयार करना चाहिए। उन्होंने पंचतंत्र की कहानी के चमगादड़ से पीएम मोदी तुलना करते हुए कहा कि क्या वो कुछ करेंगे या फिर कहेंगे कि कुछ हुआ ही नहीं है।

स्वामी ने कहा कि सऊदी अरब प्लस ईरान प्लस चीन प्लस रसिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा तानाशाही का प्लेटफार्म बन गया है। इन सभी देशों ने मिलकर यूएई, कतर और तुर्की पर दबाव बना दिया है कि वो भी उनके साथ आएं। हार्वर्ड के प्रोफेसर हांटिंगटन का जिक्र कर उन्होंने कहा कि एक बड़े संघर्ष की प्रबल संभावना बन पड़ी है। स्वामी ने मोदी के सलाहकारों को ताना मारते हुए कहा कि हमारे वेटर सोए पड़े हैं।

 

Subramanian Swamy
@Swamy39
Moreover our economy is tanking because of a clueless Finance Ministry which relied on “green shoots” which was non existent. Indian economy can crash if Dictator International decides—and 3 million Indian workers have to return.

Subramanian Swamy
@Swamy39

The coming together of Iran&Saudi Arabia due to China’s facilitation is the biggest global development yet of the 21st Century. India needs to wake up and defend itself by similarly bonding with Israel and US. But can Panchatantra Bat dare do that? Or is it “Kuch hua nahin”?

Subramanian Swamy
@Swamy39

Note that Saudi Arabia plus Iran plus China plus Russia makes it a huge Dictatorship International and puts pressure on UAE, Qatar and Turkey to join. Hence a clash of civilisation is inevitable as predicted by Harvard Professor Huntington. Our waiters are sleeping

Subramanian Swamy
@Swamy39
It is significant that I am being interviewed by Russian RT television for half an hour but Modi’s PMO threatens Desi English language TV stations if they interview me for three minutes. Such has been the deterioration in our freedom of speech

 

सुब्रमण्यम स्वामी को 2009 में बीजेपी में शामिल करने का फैसला खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। उन्हें राज्यसभा भेजा गया था। स्वामी के तेवर बीजेपी में आने के कुछ समय बाद तक सामान्य रहे लेकिन उसके बाद वो गाहे बगाहे सरकार की आलोचना करने लगे। सरकार को उनकी ये बात नागवार गुजरी। पीएम मोदी से उनकी तल्खी इस कदर बढ़ चुकी है कि स्वामी उन पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते।

चीन ने लद्दाख में जब घुसपैठ की तो स्वामी ही थे जो कह रहे थे कि पीएलए हमारी धरती पर घुस आई है। अलबत्ता पीएम मोदी राग अलाप रहे हैं कि कहीं कुछ नहीं हुआ। न कोई आया और न ही गया। उनका कहना था कि सरकार चीन से पंगा लेने में डर रही है। उसके बाद उन्होंने ये बात भी कई बार कही कि पीएमओ उन्हें लगातार ट्रोल करवा रहा है। इन सारे आरोपों प्रत्यारोपों के बीच स्वामी को बीजेपी ने राज्यसभा का टर्म नहीं दिया। यहां तक कि उनके सरकारी आवास को भी वापस ले लिया गया। फिलहाल स्वामी के तेवर फिर से तीखे हैं।