दुनिया

ज़ायोनी शासन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है : इराक़ी राष्ट्रपति

इस्राईल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की ख़बरें, अफ़वाह है : इराक़ी राष्ट्रपति

बग़दाद का कहना है कि ज़ायोनी शासन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है और इस संबंध में उसकी नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

रविवार को इराक़ी राष्ट्रपति के कार्यालय से एक स्पष्टीकरण जारी हुआ है, जिसमें अरब लीग शिखर सम्मेलन और मिस्र में जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के दौरान, इराक़ी राष्ट्रपति अब्दुल लतीफ़ रशीद की इस्राईली अधिकारियों के साथ किसी भी तरह की संभावित मुलाक़ात की ख़बरों का खंडन किया गया है।

इस बयान में कहा गया है कि कुछ लोग इस तरह की अफ़वाहें फैलाकर और निराधार आरोप लगाकर इराक़ की हालिया उपलब्धियों पर प्रश्नचिंह लगाना चाहते हैं।

इराक़ी राष्ट्रपति के कार्यालय से जारी होने वाले बयान में उल्लेख किया गया है कि बग़दाद का पक्ष स्पष्ट है और फ़िलिस्तीन का मुद्दा इराक़ की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

इससे पहले इराक़ी संसद में ज़ायोनी शासन से किसी भी तरह के संबंध के ख़िलाफ़ क़ानून पारित हो चुका है। इस क़ानून के हक़ में कुल 329 सांसदों में से 275 सांसदों ने वोट दिया था। इस क़ानून के पारित होने के बाद इस्राईल से संबंध को एक जुर्म माना गया है।

फ़िलिस्तीनी संगठन हमास ने इराक़ी संसद की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा था कि इराक़ी जनता, हमेशा से अपने फ़िलिस्तीनी भाईयों के साथ कांधे से कांधा मिलाकर खड़ी रही है और फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाती रही है।