उत्तर प्रदेश राज्य

Video:अयोध्या के 500 साला पुराने मन्दिर में साधुओं ने मुसलमानों को कराया रोज़ा इफ्तार-मन्दिर में पढ़ी गई नमाज़-देखते रह गए नफरत फैलाने वाले

लखनऊ: जिस अयोध्या के नाम पर पूरे भारत में सबसे बड़ा विवादित मुद्दा सरकार बनाने और गिराने के काम आता है वहां कुछ ऐसी सद्भावना और शांति की शुरुआत हुई है जो भारत के लिये बहुत अच्छी साबित होगी,रमज़ान उल मुबारक के पवित्र महीने में रोज़ा इफ्तार कराने का बहुत सवाब मिलता है,इसी कारण से लोग एक दूसरे को इफ्तार पर बुलाते हैं।

धर्म नगरी अयोध्या में धर्मिक सौहार्द की एक ऐसी अनोखी मिसाल सामने आई है जिस कुछ लोगो को शांति मिलेगी,अयोध्या के लगभग 500 साल पुराने मन्दिर सरयू कुंज में धर्मिक सौहार्द को बनाने आपसी भाईचारा को बढ़ावा देने के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया,जिसमें सिर्फ आम हिन्दू मुस्लिम को बुलाया गया किसी वीआईपी या वीवीआईपी को इसका न्योता नही दिया गया था।

सरयू कुंज के महंत जुगल किशोर शरण शास्त्री ने कहा कि हमारे रोज़ा इफ्तार कराने के आयोजन के पीछे किसी भी प्रकार की राजनीतिक मंशा नही थी,हम सिर्फ आयोध्या से शान्ति का संदेश देना चाहते हैं,इसी कारण से किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को नही बुलाया गया।

इफ्तार का आयोजन मन्दिर परिसर में किया गया था जहाँ राम, सीता और ब्रह्मा की मूर्तियां भी रखी हुई थी, इफ्तार के दौरान साधु अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी से आए हुए लड्डू बांट रहे थे। इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज भी मंदिर परिसर में पढ़ी गई। इससे पहले सांप्रदायिकता के खिलाफ एक सेमिनार का आयोजन भी मंदिर में किया गया था।

कार्यक्रम के बारे में एक पंडित ने कहा, ‘हमारा विचार है कि दोनों समुदायों के बीच की दूरियों को कम करने के प्रयास करने चाहिए। मुस्लिमों के लिए इफ्तार का आयोजन दोनों समुदायों को नजदीक लाने का अच्छा मौका है।

इफ्तार में हिस्सा लेने वाले उर्दू के शायर मुजम्मिल ने कहा, ‘अयोध्या में अल्पसंख्यक होकर भी हमें कभी डर नहीं लगा। हमारे हिंदू भाइयों को धन्यवाद, जिन्होंने कभी किसी खतरे से परेशान नहीं होने दिया।