नई दिल्ली: ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष बैरिस्टर असदउद्दीन ओवैसी ने केरल बाढ़ पीड़ितों को 700 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मदद करने पर संयुक्त अरब अमीरात का शुक्रिया अदा किया है।
Thankful to rulers of UAE for coming forward&giving Rs 700 Cr for Kerala. In 2017, India got 69 billion dollars as foreign remittance & Kerala people contributed 40% to it. Why is it that we are criticising GoI's release of Rs 500 Cr? It is just pittance. It is shameful: A Owaisi pic.twitter.com/c3ciZQJe45
— ANI (@ANI) August 21, 2018
वहीं दूसरी ओर केरल में बाढ़ से भारी तबाही और बर्बादी पर केरल सरकार द्वारा केंद्र सरकार से 2000 करोड़ की मदद करने की अपील करने पर पीएम मोदी द्वारा सिर्फ 500 करोड़ की सहायता राशि देने का ऐलान करने पर ओवैसी ने शर्मनाक बताया है।
Thank you to @HHShkMohd
2017 we received 69 Billion$foreign remittance which is 2.8% Indian GDP ,KERALA had highest share of 40% .In 2015 foreign remittances crossed 1 lakh crore to Kerala ,400 dead,8 lakh displaced,1lakh houses destroyed =500 cr? https://t.co/kEREtzwjLp— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 21, 2018
ओवैसी ने कहा, ‘मदद के लिए आगे आने और केरल को 700 करोड़ रुपये देने के लिए यूएई के प्रिंस का शुक्रिया, 2017 में भारत को विदेशों से रेमिटेंस के तौर पर 69 अरब डॉलर मिले थे और इसमें केरल के लोगों का योगदान 40 प्रतिशत था।
यही वजह है कि हम पीएम मोदी द्वारा केरल को सिर्फ 500 करोड़ रुपये देने के लिए पीएम मोदी की आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि ये राशि बहुत कम है. ये शर्मनाक है.’
On this occasion, we also express the gratitude of Kerala to HH Sheikh Khalifa bin Zayed Al Nahyan, President of the UAE and the Emir of Abu Dhabi, and HH Sheikh Mohammed bin Rashid Al Maktoum ( @HHShkMohd), Prime Minister of UAE and Emir of Dubai. #KeralaFloodRelief
— CMO Kerala (@CMOKerala) August 21, 2018
उन्होंने कहा कि केरल सरकार के मुताबिक वहां करीब 2000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. भारत सरकार के लिए 2000 करोड़ रुपये देना कोई बड़ी बात नहीं है,उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य है कि हम महान नेताओं की मूर्तियों के लिए 2000-3000 करोड़ रुपये दे रहे हैं. देश के लोगों के लिए क्या किया जा रहा है?
हमारी मांग है कि भारत सरकार केरला के साथ ये सौतेला व्यवहार बंद करे और केरल में बचाव के लिए आगे आए।