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Video:तय्यब एर्दोगान ने फिलसितीन के मुद्दे पर अमेरिका और इज़राईल से तोड़ा रिश्ता वापस बुलाये अपने राजदूत

नई दिल्ली: अमेरिका के संयुक्त राष्ट्र महासभा में पराजित होने के बाद भी अपने इज़रायली दूतावास के यरुशलम में खोलने से मुस्लिम जगत में विरोध शुरू होगया है,तुर्की के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बायकॉट का एलान करते हुए दोनों देशों से राजनायिक सम्बन्ध तोड़ने का ऐलान किया है।

प्राप्त समाचार अनुसार तुर्की ने अपने इज़राईली और अमेरिकी राजदूतों को वापस तुर्की बुला लिया है, 52 निहत्थे फिलिस्तीनी मुसलमानों को शहीद करने और ढाई हज़ार से अधिक को गम्भीर रूप से घायल करने पर इज़राईल को एक आतँकवादी देश घोषित करते हुए पूरे तुर्की में तीन दिन के सोग का ऐलान कर दिया है।

तुर्की सरकार ने कहा है कि हम घायल फिलिस्तीनी मुसलमानों की चिकित्सा सहायता के लिए गाजा में आपातकालीन हॉस्पिटल खोलेगा और गाजा में उन लोगों को निजी सहायता भी पहुँचाई जाएगी जो गाजा से दूर हैं।

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब एर्दोगान ने तुर्की राष्ट्र को एक संदेश दिया है तीन दिन के राष्ट्रीय सोग के बाद शुक्रवार को यानी केबी मैदान में पहुंचे,जहां उनके मशविरे से इस मुद्दे पर अगली पॉलिसी और कोई आखरी फैसला लिया जाएगा ।

तय्यब एर्दोगान ने अमेरिका और इज़राइल की कड़े शब्दों आलोचना करते हुए सोमवार के दिन हुए 52 फिलिस्तीनी मुसलमानों की शहादत पर इसको “खूनी सोमवार” बताते हुए कहा कि इस दिन के मुसलमानों का खून सिर्फ इज़राईल के हाथों पर नही लगा है बल्कि इससे अमेरिका के भी हाथ लाल हैं।

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