नई दिल्ली:भारत मे एक समय था जब अटल बिहारी वाजपेयी की तूती चहकती थी जनता कहा करती थी अटल ही बीजेपी है,बीजेपी ही अटल है,लेकिन धीरे अटल जी पकड़ कम होती चली गई और पिछले दस वर्षों से अटल बिहारी वाजपेयी को बीजेपी ने परिदृश्य से पूरी तरह से गायब कर दिया था।
अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि “अब चूंकि चार राज्यों में बीजेपी की नैया डूबती हुई दिख रही है तो एकाएक बीजेपी को वाजपेयी डूबते को तिनके के सहारे की तरह दिख रहे हैं.उन्होंने कहा है कि वे वाजपेयी के नाम पर बीजेपी की राजनीति से व्यथित हैं।
He doesn't belong to me or her, he belongs to the nation. Everyone can't go to Delhi so when 'kalash' comes to their state they get chance to pay last respects: Kanti Mishra, #AtalBihariVajpayee's niece on Karuna Shukla's remark ‘BJP's carrying around ashes as show off&for votes' pic.twitter.com/PYF96iNpmv
— ANI (@ANI) August 23, 2018
करुणा शुक्ला ने एक टीवी चैनल से कहा है कि वाजपेयी की मृत्यु के बाद बीजेपी जिस तरह से उनके नाम को राजनीति के लिए भुनाने में जुटी है, उससे वह क्षुब्ध और व्यथित हैं. शुक्ला ने कहा है कि चार राज्यों में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही बीजेपी को वाजपेयी के नाम को भुनाने का ध्यान आया है।
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उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों से वाजपेयी को बीजेपी ने परिदृश्य से पूरी तरह से गायब कर दिया था. इन दस वर्षों में जिन राज्यों में चुनाव हुए वहां भी वाजपेयी का नाम लेना तो दूर किसी पोस्टर या बैनर में उनकी तस्वीर तक नहीं लगाई गई. चूंकि अब चार राज्यों में बीजेपी की नैया डूबती हुई दिख रही है तो एकाएक बीजेपी को वाजपेयी डूबते को तिनके के सहारे की तरह दिख रहे हैं।
Karuna Shukla had resigned from @BJP4India in 2013 when she was not being given Lok Sabha ticket in 2014. Even when she had stepped-down, she said how it is becoming a party which is being dominated by the members of a few political families. | @bhupendrachaube with more inputs pic.twitter.com/14ftpMgH3n
— News18 (@CNNnews18) August 23, 2018
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य में पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता ने कहा है कि करुणा शुक्ला की वाजपेयी पर यदि श्रद्धा होती तो वह उनकी पार्टी नहीं छोड़तीं. गुप्ता ने कहा कि शुक्ला ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संबंधों को भी दरकिनार कर दिया. छत्तीसगढ़ में अटल विहार और अटल आवास योजना बरसों से लागू है. इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि वाजपेयी को यहां भुला दिया गया था. उन्होंने कहा,‘‘हम सब अटल जी के सिद्धांतों के अनुरूप जनता की सेवा कर रहे हैं. देश में प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के बूथ स्तर तक का कार्यकर्ता अटल जी के जाने से दुखी और द्रवित है.’’
नया रायपुर से लेकर विश्वविद्यालय का नामकरण वाजपेयी के नाम पर रखने पर करुणा शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को पिछले दस बरसों में कितनी बार वह याद आए उन्हें बताना चाहिए. वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री ने कहा है कि जनता बीजेपी के आडंबर को जानती है और समझ रही है।
करुणा शुक्ला ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी अजातशत्रु थे और उनसे हर कोई स्नेह रखते थे, सब उनका सम्मान करते हैं. जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी तक से उनके कितने आत्मीय संबंध रहे यह इतिहास में दर्ज है. लेकिन भाजपा तो मानवीय संबंधों का सम्मान करना भूल चुकी है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेता का पार्टी में हो रहा अपमान है।
उन्होंने कहा है कि वाजपेयी की भतीजी होने के नाते उन्हें इस घटनाक्रम से ज़्यादा दुख हो रहा है. वाजपेयी के भाई अवध बिहारी की बेटी होने के कारण उन्हें भाजपा की इस करतूत से पीड़ा हो रही है।