नई दिल्ली: अमेरिकी दूतावास के येरुशलम में खोलने पर और इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने सोमवार को फिलितसीन में भारी क़त्लेआम हुआ जिसमें तीन हज़ार से अधिक लोग गम्भीर रूप से घायल होगए हैं और 58 के लगभग निर्दोष लोग शहीद हुए हैं।
इज़राईल और अमेरिका की इस दहशतगर्दी के खिलाफ पूरी दुनिया मे रोष फैल गया है,दक्षिण अफ्रीका ने इज़राईल से अपना राजदूत वापस बुलाते हुए इस पूरी घटना की कड़े शब्दों में निंदा करी है,वहीं तुर्की ने इज़राईल और अमेरिका से अपने तमाम राजनायिक नाते तोड़े डाले हैं,और दोनों देशों से अपने राजदूत वापस बुला लिये हैं।
गाज़ा सीमा पर इज़राईल की कार्यवाही को तुर्की ने एक आतँकवादी कार्यवाही बताया है,और इसको किसी भी प्रकार से बर्दाश्त नही किया जायेगा, और इजरायल और अमेरिका दोनों इस क़त्लेआम में बराबर के शरीक हैं।
Ankara'nın ülkesine dönmesinin uygun olacağını kendisine bildirdiği İsrail'in Ankara Büyükelçisi Eitan Na'eh, ülkesine döndü. VIP Salonu'nu kullanmayan elçi, normal yolcuların kullandığı alandan geçerken gazetecilere selam verdi. https://t.co/pOK11SysJg pic.twitter.com/1ZWvnzG1vP
— Haberler (@Haberler) May 16, 2018
तुर्की के इज़राइली राजदूत, ईटन नाहे, इस्तांबुल अटतर्क हवाई अड्डे पर तुर्की द्वारा निष्कासित होने के बाद इज़राइल के रास्ते पर पूरी सुरक्षा जांच कर ली गई थी, पूरे तुर्की को राष्ट्रीय टीवी कर्मचारियों द्वारा फिल्माया गया था।
तुर्की ने इज़राईल के राजदूत हेतन नाहे को भी देश छोड़ने की धमकी दी थी जिसके बाद इज़राईली राजदूत जब इस्तंबूल के अतातुर्क हवाई अड्डे पर पहंचे तो सेक्यूरिटी एजेंसी ने उनको बॉडी सर्च किया और उनके कपड़े उतारे तथा उनको किसी भी प्रकार को कोई प्रोटोकॉल नही दिया बल्कि एक आम आदमी की तरह उन्हें बाहर ही बैठना पड़ा।
इज़राइल की तुर्की राजदूत को एर्दोगान ने 24 घण्टों में देश छोड़ने की धमकी दी थी,जिस समय इज़राईली राजदूत के साथ ये कार्यवाही होरही थी उस समय मीडिया को वीडियो ग्राफी करने की भी इज़ाज़त दी गई थी।