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Video:चार दिन में दूसरी बार एक और ऐतिहासिक मस्जिद पहुँचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताई ख़ुशी-देखिए क्या कहा?

नई दिल्ली: मस्जिद अल्लाह का घर होता है दुनियाभर में लोग मस्जिदों का आदर सम्मान करते हैं,क्योंकि इस पवित्र स्थल पर अल्लाह को याद किया जाता है,जिसका निर्माण मात्र अल्लाह की इबादत के लिये किया जाता है,इसी लिये पुराने से ज़माने से लेकर अब तक मस्जिदों को बहतरीन नक़्श निगारी की जाती रही है।

भारतीय प्रधानमंत्री इन दिनों विदेशी दौरे पर हैं प्रधानमंत्री ने बुधवार को इंडोनेशिया की ऐतिहासिक मस्जिद पहुंचे,जो दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है जिसका निर्माण इंडनेशिया की आज़ादी की याद में किया गया था,जिसके बाद नरेंद्र मोदी ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद में से एक मस्जिद इस्तिकलाल जाकर प्रसन्न हूँ।

इंडनेशिया के बाद प्रधानमंत्री सिंगापुर पहुंचे थे जहां उन्होंने आज सुबह चाइना टाउन स्थित देश की सबसे पुरानी चिलुया मस्जिद भी पहुंचे। यह 1974 से राष्ट्रीय स्मारक है। इसके बाद भारतीय मूल के लोगों की बस्ती लिटिल इंडिया भी पहुंचे। लिटिल इंडिया में उनका जोरदार स्वागत किया गया।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की याद में बनी तख्ती का अनावरण किया

मोदी ने आज ही क्लिफोर्ड पायर में महात्मा गांधी की याद में बनी तख्ती का अनावरण भी किया। ये उन चुनिंदा जगहों में शामिल है, जहां बापू की अस्थियां विसर्जित की गई थीं। 70 साल पहले 1948 में गांधीजी की अस्थियों को भारत के साथ कई देशों में भेजा गया था। सिंगापुर में इन्हें क्लिफोर्ड पायर स्थित बीच पर बहाया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नान्यांग यूनिवर्सिटी में छात्रों से भी रूबरू हुए। यहां उन्होंने कई लोगों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में पॉलिटिकल प्रेशर ग्रुप की एक दुनिया होती है, उसे झेलना मुश्किल होता है। पहले प्रेशर ज्यादा था। यहां अस्पताल बनाओ, यहां स्कूल बनाओ। मैंने स्पेस टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर मैप तैयार किए। फिर कोई भी नेता आता था तो उन्हें बताता, देखो तुम्हारे यहां है, नया नहीं बनेगा।

-पीएम या सीएम बनने से उनके जीवन में कितना बदलाव आया। इस सवाल पर मोदी ने कहा- “मैं कभी खुद को पहले से अलग महसूस नहीं करता हूं। जब सैनिक सीमा पर लड़ते हैं, हमारी मांएं संघर्ष कर रही होती हैं तो लगता है कि मुझे भी आराम नहीं करना चाहिए। मैंने 2001 के बाद से अब तक कभी 15 मिनट की भी छुट्टी नहीं ली है।”

सिंगापुर को बताया आसियान का स्प्रिंगबोर्ड
– इसके बाद मोदी शांगरी-ला डायलॉग में भी शामिल हुए। वे इसमें स्पीच देने वाले पहले भारतीय पीएम बने। इसमें 40 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मोदी ने कहा कि एशिया और दुनिया का अच्छा भविष्य होगा, यदि भारत और चीन भरोसे और आत्मविश्वास के साथ मिलकर काम करें। हमने आपसी मुद्दों को निपटाने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए परिपक्वता दिखाई है। एशिया की प्रतिद्वंद्विता क्षेत्र को पीछे धकेलेगी, सहयोग इसे सही आकार देगा।

मोदी ने कहा, “यह समिट आसियान और एक्ट ईस्ट पॉलिसी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। हजारों साल से भारतीय पूर्व की तरफ बढ़े, यह सिर्फ उगते सूरज को देखने के लिए नहीं, बल्कि यह प्रार्थना करने के लिए कि इसकी रोशनी हमेशा दुनिया पर रहे। सिंगापुर हमारे लिए आसियान का स्प्रिंगबोर्ड है।