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Video:जापानी कंपनी ने बनाई चलती फिरती मस्जिद,अब इसमें कहीं भी नमाज पढ़ सकेंगे-जानिए इसकी खूबियाँ

नई दिल्ली: जापान दुनियाभर में अपनी तकनीकी खूबियों और कामयाबी के लिये दुनियाभर में मशहूर है,दुनिया में सबसे ज़्यादा तरक़्क़ी पाने वाले मुल्कों की जब बात होती है उनमें जापान को गिने बगैर फेहरिस्त पूरी नही होती है।

अपनी टेक्नोलॉजी का फायदा उठाते हुए जापान में एक कंपनी ने चलती-फिरती मस्जिद बनाई गई है। इस मस्जिद में चलते-फिरते नमाज पढ़ी जा सकती है। दरअसल जापान 2020 के ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी कर रहा है। इसी के मद्देनजर जापान में कई तैयारियां की जा रही हैं। इनमें से एक है, नमाज पढ़ने की सुविधा।

टोकयो की एक स्पोर्ट्स कंपनी ने ट्रक पर एसी व्यवस्था बनाई है, जिससे इस पर बिना किसी परेशानी के नमाज पढ़ा जा सकता है। याशू प्रोजेक्ट के सीईओ याशुरु इनोउ ने कहा कि हो सकता है कि 2020 में जब दुनिया भर के लोग इस देश में ओलंपिक खेलों में शिरकत करने आए तो यहां नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों की कमी पड़ जाए। इस लिहाज से ये मोबाइल मस्जिद कारगर साबित होगी। उनका कहना है कि ये मोबाइल मस्जिद अलग-अलग जगहों में जा सकती है।

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “एक खुले और मेजबानी के लिए प्रसिद्ध देश होने के नाते हमलोग जापानी मेजबानी की परंपरा को मुस्लिम लोगों को बताना चाहते हैं। पहले मोबाइल मस्जिद का उद्घटान इस सप्ताह टोयोटो स्टेडियम के बाहर किया गया था। 25 टन की क्षमता वाले इस ट्रक में 50 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं।

इस ट्रक में बाहर वुज़ू करने की भी व्यवस्था की गई है। इस मस्जिद के उद्घाटन समारोह में इंडोनेशिया के छात्रों ने शिरकत किया। एक छात्र ने कहा, “मोबाइल मस्जिद बेहद अहम है, यह जापान के लोगों के साथ साथ विदेशी पर्यटकों के लिए भी जरूरी है, मैं इसे अपने दोस्तों को दिखाना चाहता हूं।” बता दें कि इस वक्त जापान में एक से दो लाख मुस्लिम रहते हैं।

सीईओ याशुरु इनोउ ने कहा कि उन्हें इस तरह की मस्जिद बनाने की प्ररेणा चार साल पहले खाड़ी देश कतर की यात्रा के दौरान मिली। पहले इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य देश के अंदर और अंतर्राष्ट्रीय खेल उत्सव में मुस्लिम खिलाड़ियों और दर्शकों को नमाज के लिए जगह मुहैया कराना है। कंपनी ने कहा कि अगर सीरिया से दुनिया के अलग अलग जाने वाले शरणार्थी, इसके अलावा इंडोनेशिया, मलेशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व के लोग इसका इस्तेमाल करते हैं और शांति को बढ़ावा देते हैं तो उन्हें खुशी होगी।