दुनिया

Video:फिलिस्तीनि मुसलमानों को उनका हक़ दिलाने के लिये अब तमाम मुस्लिम देशों को एकजुट होना चाहिए: तय्यब एर्दोगान

सोमवार को गाज़ा सीमा पर अमेरिकी दूतावास का विरोध कर रहे फिलिस्तीनी मुसलमानों को इज़राईल में जिस बेरहमी से शहीद किया है उसकी पूरी दुनिया मे आलोचना होरही है,तुर्की की कोशिशों से अब मुस्लिम देशों के प्रमुखों ने इज़राईल के आतँक को नाक़बिल बर्दाश्त बताया है।

तुर्की मुस्लिम राष्ट्रों का संयुक्त संगठन इस्लामिक कोऑपरेशन संगठन (ओआईसी) के अध्यक्ष है जो तमाम सदस्य देशों से उम्मीद करता है कि आपातकालीन शिखर सम्मेलन में फिलिस्तीनियों के प्रति इजरायल के आक्रामकता के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के लिए मुस्लिम जगत एक हो जाए।

तुर्की ने मुस्लिम जगत से आग्रह किया वह फिलिस्तीनियों को उनका हक दिलाने के लिए इजराइल के खिलाफ आवाज़ उठाये।

डेली सबह के मुताबिक, OIC शिखर सम्मेलन में फिलीस्तीनी प्रधान मंत्री रमी हमदल्लाह, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय, ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी, अफगान राष्ट्रपति अशरफ घनी, कुवैती अमीर सबा अल-अहमद अल-जबर अल-सबा और मौरीटानियन राष्ट्रपति मोहम्मद वलिद अब्दुलअज़ीज़ की शिरकत की उम्मीद है।

अरब दुनिया, मुख्य रूप से खाड़ी राजतंत्रों की भागीदारी का स्तर अभी तक ज्ञात नहीं है, हालांकि पिछले साल दिसंबर में यरूशलेम पर आपातकालीन बैठक प्रतिभागियों द्वारा बहुत कम स्तर के प्रतिनिधिमंडल के कारण चिह्नित की गई थी। “इस क्षेत्र में अरब नेता अधिकतर इस क्षेत्र में यू.एस. समर्थन के साथ अपना प्रभाव बनाए रखते हैं।

ओआईसी ने शिखर सम्मेलन के बाद एक बयान में घोषित किया कि पूर्व जेरूसलम “कब्जे के तहत” फिलिस्तीन की राजधानी थी और अमेरिका से शांति प्रक्रिया वापस लेने और अपने जेरुसलम के फैसले से पीछे हटने का आग्रह किया। हालांकि, दिसंबर के शिखर सम्मेलन में उच्च स्तरीय भागीदारी की कमी की अध्यक्षता राष्ट्रपति रसेप तय्यिप एद्रोगान ने की थी।

एर्दोगान ने फिर दोहराया की फिलिस्तीन मुद्दा दुनियाभर के मुसलमानों से जुड़ा है। इस मुद्दे पर मुस्लिम जगत को एकजुट होकर इजराइल के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहए, तभी फिलिस्तीन के हालात बहार हो सकेंगे।

एर्दोगान नेशन पर आरोप लगाते हुए कहा कि, यूनाइटेड नेशन की इजराइल के खिलाफ कार्यवाही की चुप्पी यह संकेत डे रही है यूनाइटेड नेशन अब खत्म हो चुका है।