देश

Video:भारतीय राष्ट्रपति ने ख्वाज़ा गरीब नवाज़ की दरगाह पर देश की खुशहाली के लिये चादर चढ़ाकर माँगी दुआ

नई दिल्ली: सुल्तान उल हिंद,ख्वाज़ा गरीब नवाज हज़रत मुईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाही अलैही के मज़ार पर देश विदेश से आम खास हाज़री के लिये तशरीफ़ लाते हैं,और बिना किस धर्म या जाति के भेद के ख्वाज़ा से अपनी पूरी निष्ठा के साथ श्रद्धा ज़ाहिर करते हैं,ख्वाज़ा की शिक्षाओं से भारत को नई सोच मिली थी इसी लिये ख्वाज़ा से भारतीय नागरिकों को हद से ज़्यादा अक़ीदत है।

भारतीय राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ सिंह कोविंद सोमवार को ख्वाज़ा गरीब नवाज की दरगाह पर सपरिवार हाज़री के लिये पहुँचे, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाति थी. राष्ट्रपति सुबह 10 बजकर 16 मिनट पर राष्ट्रपति घूघरा हैलीपेड पहुंचे. वहां राज्य सरकार की ओर से उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने उनका स्वागत किया. वहीं जिले के प्रभारी मंत्री हेमसिंह भडाणा, वासुदेव देवनानी और अनीता भदेल सहित आला पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने अगवानी की।

इसके बाद राष्ट्रपति का काफिला सड़क मार्ग से पुष्कर के लिए रवाना हुआ. पुष्कर में राष्ट्रपति ने पवित्र सरोवर की पूजा अर्चना की और बाद में ब्रह्मा मंदिर के दर्शन किए. इसके बाद राष्ट्रपति का काफिला दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर दरगाह पहुंचा. दरगाह के मुख्य द्वार निजाम गेट पर दरगाह कमेटी की ओर से राष्ट्रपति का अभिवादन किया गया।

राष्ट्रपति के स्वागत में शादियाने और नगाड़े बजाए गए. कडे सुरक्षा घेरे में राष्ट्रपति निजाम गेट से होते हुए बुलंद दरवाजे पहुंचे. वहां खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी ने उनका अभिनंदन किया और जियारत के लिए आस्ताना शरीफ लेकर पहुंचे. राष्ट्रपति कोविंद ने करीब 15 मिनट मजार शरीफ के पास बिताए और देश में अमन, चैन व खुशहाली की दुआ मांगी।

इस मौके पर अंजुमन की ओर से भी राष्ट्रपति के बेहतर स्वास्थ्य और देश की उन्नति प्रगति की दुआ की गई. दरगाह जियारत के बाद पायतीं दरवाजे से राष्ट्रपति बाहर निकले और जन्नती दरवाजे और महफिलखाने होते हुए बुलंद दरवाजे आए. वहां दरगाह कमेटी की ओर से उनको तलवार भेंट की गई. दरगाह से वापसी के समय निजाम गेट पर दरगाह दीवान की ओर से राष्ट्रपति को भगवद् गीता और ख्वाजा साहब के इतिहास से जुड़ी पुस्तक भेंट की गई.