नई दिल्ली: मुंबई में हुए कल विमान हादसे का शिकार चार्टेड विमान में एक पॉयलेट की मौत होगई है,पॉयलेट की सूझबूझ और समझदारी के नतीजे में बड़ा हादसा होने से बच गया है,मीरा रोड़ के कश्मीरा परिसर में में रहने वाली 48 वर्षीय मारिया एक अनुभवी पायलेट थी।
युवाई एविएशन की अनुभवी पायलेट ने अपनी सूझबूझ और समझदारी का परिचय देते हुए मुम्बई में बड़ा हादसा होने से टाल दिया है,उन्होंने विमान खाली जगह लैंड करने का प्रयास किया. मारिया ने अपनी जान दे दी लेकिन रिहाइशी इलाके में विमान नहीं गिरने दिया. विमान हादसे के बाद उनके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. मारिया की इकलौती बेटी है जो 10वीं की छात्रा है.मारिया के पड़ोसियों ने बताया कि विमान में खराबी आने पर पता नहीं उनके मन में क्या सूझा।
Mother of late pilot Maria Juberi who reportedly died in the plane crash in mumbai grilled by reporters in Allahabad. mother continuously breaks down as Camera continues rolling to capture every second of grief stricken mother with most insane questions. Is this journalism? pic.twitter.com/FRF3ayfsQx
— Sakal Bhatt (@BhatSakal) June 28, 2018
शायद इसलिए उन्होंने निर्माणाधीन इमारत की जगह पर विमान का रुख मोड़ा. अन्यथा रिहाइशी इलाके में विमान गिरने से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान होता. विमान घाटकोपर के सर्वोदय नगर में पृथ्वी रिएल्टीज के एक निर्माणाधीन इमारत परिसर में गिरा. हादसा इतना भयानक था कि आसपास के लोग सहम गए. जिस वक्त विमान क्रैश हुआ उस समय इमारत में 50 से ज्यादा मजदूर दोपहर का भोजन कर रहे थे।
बता दें की हादसे में मौत का शिकार हुई पायलट मारिया जुबेरी इलाहाबाद की रहने वाली थी. परिवार वालों का दावा है कि मारिया देश की पहली मुस्लिम महिला पायलट थीं. मारिया की बेटी ने कल ही मुंबई में हुए एक क्विज कम्पटीशन में गोल्ड मेडल हासिल किया था. बेटी की इस उपलब्धि पर मारिया ने कल रात ही माता – पिता व दूसरे रिश्तेदारों को फोन कर उनसे देर तक बात की थी।
बेटी की इस कामयाबी पर वह बेहद खुश थीं और अगले हफ्ते रिश्तेदारों के लिए मुंबई में ही पार्टी करने वाली थीं, लेकिन उनकी यह हसरत अधूरी रह गई. मारिया की मौत की खबर सुनते ही इलाहाबाद में उनके घर पर कोहराम मच गया. परिवार ही नहीं बल्कि पूरे इलाके में मातम पसर गया है।
माता – पिता व परिवार के बाकी सदस्य कल दिन में मुंबई पहुंचेंगे और वहीं उनका अंतिम संस्कार करेंगे. इलाहाबाद के रानी मंडी इलाके की तंग गलियों के साधारण से परिवार में पैदा हुई मारिया ने बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखा था और अपनी लगन व मेहनत से इसे पूरा भी कर लिया था. हालांकि उन्हें शायद इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि पायलट बनने की उनकी जिद्दी ख्वाहिश एक दिन उनकी ज़िंदगी को हमेशा के लिए ख़त्म करने का सबब बन जाएगी।
तकरीबन बयालीस साल की मारिया का जन्म इलाहाबाद के रानी मंडी मोहल्ले में हुआ था. मारिया के पिता इकबाल हसन जुबेरी पेशे से डाक्टर हैं. तीन बहनों और एक भाई में मारिया सबसे बड़ी होने की वजह से परिवार में सबकी लाड़ली थी. मां फरीदा जुबेरी व परिवार के दूसरे लोग उसे डाक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन मारिया ने बचपन से ही पायलट बनने की जिद ठान रखी थी।
बचपन में प्लेन की आवाज़ सुनते ही वह भागकर छत पर चढ़ जाती थी और उसे देर तक देखती रहती थी. प्लेन देखने की चाहत में उसे कई बार चोटें भी आईं. मारिया ने इलाहाबाद के क्रास्थवेट गर्ल्स कालेज और सेंट मेरीज कालेज के साथ ही इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद रायबरेली इंदिरा गांधी उड़ान एकेडमी से पायलट की ट्रेनिंग पूरी की थी।
पायलट बनने के बाद उन्होंने कई प्राइवेट एविएशन कपनियों में काम किया. मुंबई में मारिया इन दिनों एक प्राइवेट कंपनी के मार्फ़त चार्टर्ड प्लेन उड़ाने का काम करती थीं. मारिया के परिवार वालों का दावा है कि वह देश की पहली मुस्लिम महिला पायलट थीं. मारिया पर तमाम इंटरनेशनल मैगजींस ने रिपोर्ट भी छापी हैं।
मारिया की शादी तकरीबन सत्रह साल पहले रायबरेली के आमिर रिज़वी से हुई. शादी के बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गईं थीं. मारिया की पंद्रह साल की एक बेटी बेला जुबेरी है. बेला ने इसी साल दसवीं क्लास का इम्तहान पास किया है. मारिया के परिवार वालों के मुताबिक़ वह अपनी बेटी बेला से बेइंतहा मोहब्बत करती थीं. ड्यूटी पर भी वह हर थोड़ी देर में बेटी से फोन पर बात करना नहीं भूलती थीं।
मारिया की बेटी बेला ने कल ही मुंबई में हुए एक क्विज कम्पटीशन में गोल्ड मेडल हासिल किया था. बेटी की इस उपलब्धि पर मारिया बेहद खुश थीं. उन्होंने रात को ही माता – पिता व परिवार के दूसरे सदस्यों को फोन कर बेटी की इस कामयाबी के बारे में बताया था. बेटी की कामयाबी पर मारिया इस कदर खुश थी कि उन्होंने अगले हफ्ते मुंबई में एक पार्टी देने का प्लान तैयार किया था।
इसके लिए उन्होंने ज़िद कर मां- बाप को शनिवार को ही ट्रेन से मुंबई के लिए रवाना होने के लिए कहा था. परिवार वाले आज मुंबई जाने की तैयारियां कर रहे थे, तभी दोपहर को आए एक फोन ने खुशियों वाले घर को मातम में तब्दील कर दिया. मारिया की बेटी बेला ने प्लेन हादसे की खबर दी तो परिवार में कोहराम मच गया।
परिवार वालों और पड़ोसियों के मुताबिक़ मारिया इतनी खुशदिल और पॉजिटिव सोच वाली थी, कि वह रिश्तेदारों व पड़ोसियों की कई लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई थी. मारिया ने उस माहौल में पायलट बनने का सपना देखते हुए उसे पूरा किया था, जहां बेटियों को परदे में रखकर उन्हें ज़्यादा पढ़ाई का मौका भी नहीं दिया जाता था।
मारिया की मौत पर परिवार ही नहीं बल्कि पूरे मोहल्ले को यकीन नहीं हो रहा है. परिवार वाले रात को इलाहाबाद से लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं, सुबह की फ्लाइट से वह लोग कल दिन में मुंबई पहुंचेंगे और वहीं मारिया का अंतिम संस्कार भी करेंगे।